- कलर कोडिंग के माध्यम से शहर के जाम को कम करने के लिए ई रिक्शा चालकों के लिए सीक्रेट कोड
रायबरेली में ट्रैफिक जाम राहगीरों और आम जनमानस के लिए एक ऐसी समस्या है। जिससे हर दिन लोगों को रूबरू होना पड़ता है पर कोई नहीं चाहता है।कि वह जाम के झाम में फंसे। राहगीरों की इसी समस्या को लेकर बीते दो महीने से जाम से निपटने के लिए और महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत यह बेहतरीन तरीका पुलिस अधीक्षक रायबरेली डॉक्टर जसवीर सिंह द्वारा निकाला गया है।
यहां शहर में लगने वाले जाम पर अंकुश लगाने के लिए यातायात पुलिस ने कलर कोडिंग सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया है । शनिवार को सिविल लाइन चौराहा सरस चौराहा सहित अन्य जगहों पर ऑटो चालकों के ऑटो पर कलर कोडिंग से एक नंबर डाला जा रहा है। जिससे उसकी पहचान हो सके । उसके लिए क्षेत्र की दूरी भी तय की गई है, जिसके तहत ही वह किसी सवारी को बैठाकर उसके गंतव्य तक छोड़ सकेगा।
रायबरेली में लखनऊ की घटना से सबक लेते हुए पुलिस ने 32 सौ ई रिक्शा चिन्हित कर उनकी कलर कोडिंग की है। कुल छह रूटों पर छह अलग अलग रंगों से इन्हें चिन्हित किया गया है। एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि शहर में जाम और महिला सुरक्षा को लेकर शहर में संचालित पांच हज़ार रिक्शों में से 32 सौ ऐसे रिक्शे चिन्हित किये गए हैं जिनके प्रपत्र पूरे हैं। इन्हीं रिक्शों को शहर के रूटों पर अलग अलग रंग से विभेद करते हुए इनके चलने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि इस कवायद से जहाँ जाम के झाम से निजात मिलेगी वहीं महिला सुरक्षा के लिए भी यह कारगर उपाय होगा। वही पुलिस का मानना है कि कलर कोडिंग किए जाने के बाद महिला अपराधों में रोकथाम होगी और जिस रोड पर जो भी ई रिक्शा चालक चल रहा है उसकी घटना होने पर पड़ा भी जा सकता है।