रिपोर्ट : मोहन कुमार
युवा नाट्य संगीत अकादमी एवं चंद्रावती सह कांति कृष्ण फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित छोटानागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव एवं कांति कृष्ण सम्मान समारोह 2025 का शुभ उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य मंत्री अल्पसंख्यक आयोग झारखंड सरकार सह उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू एवं विशिष्ट अतिथि निदेशक आसिफ इकराम निदेशक कला संस्कृति विभाग झारखंड सरकार, छात्र क्लब ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव किशोर शर्मा संरक्षक रवि मेहता, संगीत अकादमी के संस्थापक ऋषिकेष लाल, राकेश रमन, डॉ. प्रणव कुमार बब्बू, रंजीत बिहार, अलीशा उरांव, शशिकला पौराणिक, डॉ, अनिल ठाकुर आदि ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर मुख्य अतिथि ने नाट्य आयोजन कमेटी एवं सभी रंगकर्मियों को शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने देवाशीष मुखर्जी, काजल बोस, भास्कर दत्त, मानिक घोष, राजकुमार पाठक, डॉ. दानी कर्मकार, सुभाष चंद्र प्रधान, ओमप्रकाश राम, तपन कुमार दत्त को कांति कृष्णा सम्मान से सम्मानित किया । उद्घाटन समारोह के बाद निम्नलिखित नाटक की प्रस्तुति हुई।
नाटक : धर्मो रक्षति रक्षित
निर्देशन : राजीव सिन्हा
संस्था : झारखंड फिल्म एंड थियेटर अकादमी
कलाकार : शोभित अमन, अंजली सिन्हा, अंशु अग्रवाल, प्रिंस राजपूत, सौरभ कुमार मंडल, मुकेश प्रामाणिक, सोमकांत, अमित कुमार राज एवं चंदन कुमार।

कथासार : धर्मो रक्षति रक्षितः एक लोकप्रिय संस्कृत वाक्यांश है जो महाभारत और मनुस्मृति में मिलता है। इसका अर्थ है कि “धर्म की रक्षा करने पर वह (रक्षा करने वाले की ) रक्षा करता है।” दूसरे शब्दों में, “रक्षित धर्म, रक्षक की रक्षा करता है”। यह नाटक निदेशक की एक परिकल्पना है जिसके तहत महाभारत के अलग-अलग खंडो को सम्मिश्रित किया गया है, जिसमें द्रोपदी के चीर हरण से लेकर भीष्म पितामह के कृष्ण के साथ अंतिम वार्तालाप के माध्यम से धर्म की रक्षा का पाठ समझाया गया है। इस नाटक में द्रौपदी, दुर्योधन, कर्ण, भीष्म पितामह, वेदव्यास एवं श्री कृष्ण के दो अलग अलग अवतार भी हैं। अंतत यह स्पष्ट होता है कि धर्म की रक्षा करने वाला व्यक्ति स्वयं धर्म की रक्षा का पात्र बनता है। यह एक पारस्परिक संबंध है, जहां धर्म की रक्षा करने से व्यक्ति को भी धर्म की रक्षा मिलती है। नाट्य समारोह को सफल बनाने में मुख्य रूप से प्रसिद्ध नारायण मिश्रा, अभिनव कुमार, विनोद जायसवाल, जयदीप सहाय, ऋषिका कुमारी, बजरंग शर्मा, कामिनी ताम्रकार, रितिका कुमारी आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।