सतबरवा : मंगलवार को शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के पास स्थित सरना स्थल पर आदि कुडूख सरना समाज द्वारा प्रकृति पूजा का पर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया। पांकी विधायक कुशवाहाडॉ शशिभूषण मेहता बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने सरना धर्मावलंबियों के साथ उनके गीतों पर मांदर बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। रामप्यारी पहन और रजनी माता ने विधि विधान से पूजा और झंडागड़ी संपन्न करवाया। जय धर्मेश, जय चाला, जय सरना के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। समाज के अध्यक्ष विष्णुदेव उरांव, सचिव इंद्रदेव उरांव ने कार्यक्रम का संचालन किया। मुख्य अतिथि डॉ मेहता समेत सभी अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र देकर किया गया। मौके पर डॉ मेहता ने कहा कि प्रकृति ही जीवन का आधार है प्रकृति के बिना जीव का अस्तित्व नहीं है और जीव का अस्तित्व नहीं होगा तो मानव का अस्तित्व भी संभव नहीं है, इसलिए हम सभी का यह दायित्व बनता है कि हम मिलजुल कर प्रकृति की रक्षा करें।
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सरहुल का पर्व हमें प्रकृति की रक्षा का संदेश देता है। इसके बाद सभी स्थानों से पहुंचे सरना धर्मके लोगों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई जो सतबरवा मेलाटांड़, मेन बाजार बाजार आदि जगहों से घूमते हुए पुनः सरना स्थल पर पहुंची। इसके बाद अनेक गांवों के टोलिया द्वारा नृत्य संगीत का कार्यक्रम हुआ। विधि व्यवस्था सतबरवा थाना प्रभारी विश्वनाथ कुमार राणा के नेतृत्व में चुस्त दुरुस्त दिखा। मौके पर प्रखंड प्रमुख रीमा देवी, जिला पार्षद सुधा कुमारी, समाजसेवी लाल बिहारी साहू, समाजसेवी आशीष सिन्हा, संजय तुरी, मुखिया अनीता तूरी, रिंकी यादव, शंभू उरांव, विधायक प्रतिनिधि अजय उरांव, जुगल किशोर राम समेटा सैकड़ों लोग मौजूद रहे।