सोचिए एक ऐसा दिन… जब सुबह की ठंडी चाय भी तपती लगने लगे, पंखे की हवा थप्पड़ की तरह लगे और सड़कों पर सन्नाटा सिर्फ इसीलिए हो कि सूरज की गर्मी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है। जी हां, ये कोई कल्पना नहीं, ये हकीकत है मध्यप्रदेश की, जहां अप्रैल की शुरुआत में ही सूरज ने कहर ढा दिया है। प्रदेश की फिजाओं में अब ठंडक नहीं, बल्कि तपिश तैर रही है और मौसम वैज्ञानिकों की माने तो ये तो बस ट्रेलर है, असली फिल्म तो मई में रिलीज होगी, जिसमें लू, उमस और आग जैसी हवाएं मुख्य किरदार होंगी।
सोमवार को मध्यप्रदेश ने सीजन का सबसे गर्म दिन झेला। नर्मदापुरम में पारा 44.3 डिग्री तो रतलाम में 44 डिग्री दर्ज हुआ। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर जैसे बड़े शहरों ने पहली बार 40 डिग्री पार का आंकड़ा छुआ। भोपाल में 41.6, इंदौर 40.6, ग्वालियर 41.7, उज्जैन 42 और जबलपुर 40.7 डिग्री तक पहुंच गए। हालात ये हैं कि ना दिन में राहत है, ना रातें चैन देने वाली हैं। इंदौर, उज्जैन और धार की रातें भी अब गर्म हो चुकी हैं। यानी ‘कूल’ कहे जाने वाले शहरों में भी अब गर्म हवा सांसें चुरा रही है।
मौसम विभाग ने साफ तौर पर चेतावनी दी है, 9 से 11 अप्रैल तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में लू का प्रकोप रहेगा। 8 अप्रैल को श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, नीमच, मंदसौर और रतलाम में लू का अलर्ट है। 9 और 10 अप्रैल को भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और टीकमगढ़ जैसे क्षेत्रों में हीटवेव चल सकती है। यानी आने वाले कुछ दिन शरीर ही नहीं, धैर्य और सहनशक्ति की भी परीक्षा लेंगे। इन दिनों छांव भी राहत नहीं दे रही और पेड़ भी तपते नजर आ रहे हैं।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, राहत की उम्मीदें 11 अप्रैल से जुड़ी हैं जब पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस प्रदेश में दस्तक दे सकता है। तब ग्वालियर, श्योपुर, रतलाम, मंदसौर, छिंदवाड़ा, जबलपुर और नरसिंहपुर जैसे इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। परंतु ये राहत ‘क्षणिक’ होगी, क्योंकि अप्रैल-मई के असली सितारे हैं, आग उगलती धूप और झुलसाती लू। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि मई तक 15-20 दिन तक हीटवेव और 30-35 दिन गर्म हवाओं का सामना करना पड़ सकता है।
पहला सप्ताह: रातें सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा गर्म रहीं और दिन में पारा 39 से 44 डिग्री तक पहुंचा। दूसरा सप्ताह: इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर जैसे क्षेत्रों में तापमान 41-43 डिग्री रहेगा और रातें भी 23-26 डिग्री के बीच। बारिश की संभावना नहीं, पर बादल कुछ राहत दे सकते हैं। तीसरा सप्ताह: उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री रहेगा और अधिकतम 42-44 डिग्री तक। चौथा सप्ताह: बंगाल क्षेत्र के साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण 3-4 दिन लू का असर और न्यूनतम तापमान 27-30 डिग्री तक बढ़ सकता है। यानी गर्मी अपने चरम पर होगी, और रातें भी अब दिन जैसी तपती महसूस होंगी।