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तीन दिन बाद एक ही वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर पाई पुलिस, तीन अब भी फरार

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  • पुलिस की उदासीनता से सुरक्षित क्षेत्र का माहौल हुआ असुरक्षित, दहशत में लोग
  • पीएम रिपोर्ट में हेड़ इंजरी की हुई पुष्टि, गिरफ्तारी की बजाय हवा में तीर मार रही पुलिस

ब्यूरो रिपोर्ट : शिवा मौर्या

रायबरेली : सरेनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हत्या की घटना को अंजाम देने वाले को पुलिस ने तीसरे दिन मंगलवार को मारपीट में हुई अतुल तिवारी की हत्या मामले में वांछित चल रहे चार अभियुक्तों में एक को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। वहीं तीन दिन बाद भी हत्या के वांछित तीन अभियुक्त अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। स्थानीय पुलिस के ढुलमुल रवैये को देखते हुए पीड़ित परिवार को न्याय मिलता न देख उच्चाधिकारियों की चौखट तक पहुंचकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की गुहार लगाई व आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किये जाने की मांग की। स्थानीय पुलिस द्वारा हत्यारोपी चार वांछित अभियुक्तों में से अभी तक सिर्फ एक की ही गिरफ्तारी होने के चलते लोगों में आक्रोश है। महज नाली के विवाद में हुई युवक की निर्मम हत्या से क्षेत्र ही नहीं जनपद के लोगों में रोष है। वहीं पुलिस की नाकामी व सुस्त कार्यशैली लोगों के आक्रोश को और बढ़ाने का काम कर रही है। हालांकि मंगलवार को पुलिस ने हत्यारोपी वांछित अभियुक्त करण प्रजापति पुत्र धुनारी उर्फ राजेश कुमार प्रजापति निवासी मौनी मोहल्ला को थाना क्षेत्र के सेमरी मोड़़ तिराहा से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिक्षा में भेज दिया है। वहीं शेष तीन वांछित अभियुक्तों पुनीत सिंह,अजय वर्मा व बउवा गुप्ता की गिरफ्तारी हेतु पुलिस प्रयासरत है। उल्लेखनीय है कि सरेनी थाने से मात्र दो छलांग की दूरी पर मामूली विवाद में दिनदहाड़े की गई हत्या के मामले में तीन दिन बाद पुलिस सिर्फ एक आरोपी को ही गिरफ्तार करने में सफल हो सकी है। मालूम हो कि गत 5 अप्रैल को सरेनी बाजार के मौनी मोहल्ला में नाली विवाद में अतुल तिवारी उर्फ गुड्डन पुत्र राजेंद्र तिवारी को पड़ोस के चार युवकों ने पीट पीट कर मार डाला था। पिता की ओर से थाने में दी गई तहरीर में ये भी आरोप है कि मृतक के सिर को आरोपी युवकों ने ट्रैक्टर से भिड़ा दिया था, जिससे सिर में आई गहरी चोट से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी हेड़ इंजरी की पुष्टि की है।इस मामले में पीड़ित के पिता की ओर से दी गई तहरीर में करन प्रजापति, अजय वर्मा, पुनीत सिंह व बउआ गुप्ता को नामजद किया गया था किंतु तीन दिन तक पुलिस हवा में ही तीर मारती रही। इन चार में से पुलिस केवल करन प्रजापति को ही गिरफ्तार कर सकी, सरेनी बाजार का सुरक्षित क्षेत्र भी असुरक्षित हो गया है। जबकि उपनिरीक्षक अजय यादव, सत्येंद्र कुमार व आरक्षी अमित कुमार एक आरोपी को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थोंकवाने के प्रयास में लगे हैं।

वहीं प्रेसनोट में भी पुलिस द्वारा वांछित अभियुक्त करन की गिरफ्तारी को लेकर जिस जगह का जिक्र किया गया है। उसको लेकर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्त के परिजनों की मानें तो पुलिस ने रविवार को सुबह लगभग 11 बजे के आसपास करन को घर से हिरासत में लिया था। अब सवाल यह उठता है कि यदि पुलिस ने अभियुक्त करन को घर से हिरासत में लिया था तो पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट में सेमरी मोड़ तिराहे के पास से गिरफ्तारी दर्शाने के पीछे पुलिस की क्या मंशा हो सकती है ? फिलहाल यह उच्चाधिकारियों की जांच का विषय है। आखिर पुलिस इस झूठ के जरिए क्या हासिल करना चाहती है। कहीं इसके पीछे उच्चाधिकारियों की नजरों में नंबर तो नहीं बढ़ाना चाहती है सरेनी पुलिस।

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