रिपोर्ट : नासिफ खान
3 अप्रैल 2025 को हुए दो गुंडों के बीच हुई झड़प में गोली चल गई। जितेन्द्र यादव उर्फ जेड़ी इस घटना में घायल हो गया। उसकी पीठ में गोली लगी। देखने में यह झड़प पुरानी रंजिश का मामला बताया जा रहा है, लेकिन इसे अगर गैंगवार कहाँ जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में ऐसी गैंगवार की घटनाएं होती ही रहती है और मिनी मुंबई कहे जाने वाले इन्दौर शहर में इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब गुंडे आपस में ही एक-दूसरे पर हमलाकर होते रहेंगे।
ये झड़प कुख्यात गुंडे शाकीर काला पिता गुलफाम और जितेन्द्र यादव उर्फ जेडी के बीच हुई। शाकीर काला ने जेडी पर गोली चला दी, जो उसकी पीठ पर लगी। उसे एम. वाय. ईलाज के लिये ले जाया गया, लेकिन परिजन उसे निजी अस्पताल में ले गये। हमले के बाद शाकीर काला फरार हो गया। यह झड़प आजाद नगर के पास नूरी नगर के मैदान में हुई। पुलिस ने शाकिर काला की गिरफ्तारी हेतु तीन-चार टीमें बनाई तथा उन्हें प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया, जहाँ शाकीर के मिलने की संभावना है। शाकीर पर दबाव बनाने के लिये पुलिस ने उसके परिवार की चार महिलाएं न उसके भाई जाकीर को थाने में बिठा रखा है।
शाकीर काला का अपराधी जीवन
अपराध की दुनिया में शाकीर काला की इंट्री आज से 30 वर्ष पूर्व हुई थी. एक मामले में वह हत्या के प्रयास में फरारी काटने उज्जैन भाग गया। वहाँ एक महिला के साथ लूट व हत्या के मामले में शाकीर पकड़ा गया। न्यायालय ने उसे इस मामले में 28 वर्ष की सजा सुनाई। सजा के 25 वर्ष पूर्ण करने के बाद सजा में मिली छुट के बाद वह रिहा हुआ। शाकीर जब उज्जैन जेल में था, उसी वक्त जितेन्द्र यादव उर्फ जेड़ी उज्जैन जेल में ही था। यहाँ इनके आपस में विवाद हुआ करते थे। पुलिस ने शाकीर को जबलपुर सेन्ट्रल जेल में भेज दिया। उसने वहाँ भी अलार्म हुआ एक झड़प में धारा 307 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। इसके बाद शाकीर काला को सागर भेज दिया। यहां उसने एक विवाद में भूख हड़ताल की तथा आत्महत्या करने की नीयत से ब्लेड निगल ली। उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। ठीक होने पर उसे पुनः सागर जेल भेज दिया। सागर से उसे उज्जैन सेन्ट्रल जेल भेजा गया। यहाँ से सजा कटाकर वह डेढ़ वर्ष पूर्व ही रिहा हुआ।
जितेन्द्र यादव को उस समय आप लोगों ने मारने की कोशिश की थी, जब वह एम. वाय. अस्पताल में अपना ईलाज करवा रहा था। उसने अपेन साथी रामदयाल को अपने बिस्तर में सुला दिया। जेड़ी समझकर रामदयाल पर अस्पताल में ही गोली चला दी। इस घटना में रामदयाल की मौत हो गई थी। यह घटना 11 वर्ष पूर्व घटी थी। यही कारण रहा कि कल जेड़ी के परिजन उसे निजी अस्पताल ले गये।
उज्जैन जेल में सजा काटने के दौरान ही उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई एक पारिवारिक मामले में विवाद के चलते हुए गोलीकांड में भी शाकिर काला का नाम आया था। चार माह पहले चंदन नगर में विवाद के चलते गोली चला दी थी। उस पर धारा 307 का केस दर्ज हुआ था। करीब डेढ़ माह पूर्व ही वह जेल में छूटा था। 13 अप्रैल को उसने पुनः जितेन्द्र यादव उर्फ जेड़ी पर गोली चला दी तथा फरार हो गया।