शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रायबरेली की अपरिपक्वता और अकर्मण्यता के चलते जिले के शिक्षकों में उस समय भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब उन्होंने पहले दोपहर 12:30 बजे स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर दिया, जबकि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का आधिकारिक आदेश दोपहर 1:30 बजे छुट्टी का था।
बीएसए द्वारा जारी 12:30 बजे के छुट्टी के आदेश को तुरंत प्रेस मीडिया में प्रसारित कर दिया गया, जिससे पूरे जिले के शिक्षकों के बीच असमंजस फैल गया।
एक तरफ बीएसए का आदेश था, तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का 1:30 बजे का आदेश तेजी से वायरल हो रहा था।
शिक्षकों ने इस विरोधाभासी स्थिति में सूझबूझ का परिचय देते हुए बीएसए के पहले के आदेश को स्वतः ही दरकिनार कर दिया और सचिव के आदेशानुसार दोपहर 1:30 बजे ही स्कूलों को बंद किया।
शिक्षकों के इस विवेकपूर्ण निर्णय से विद्यालयों में किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।
जब यह पूरा प्रकरण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना, तो बीएसए कार्यालय हरकत में आया। अपनी गलती का एहसास होने के बाद, घटना के 24 घंटे बीत जाने पर बीएसए ने आखिरकार अपने पहले के 12:30 बजे के छुट्टी के आदेश को रद्द कर दिया।
इसके साथ ही, उन्होंने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें स्कूल बंद करने का समय सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के अनुरूप दोपहर 1:30 बजे ही निर्धारित किया गया।
बीएसए के इस यू-टर्न ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों और आम नागरिकों के बीच इस बात की चर्चा है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा इस प्रकार की लापरवाही कैसे हो सकती है, जिससे पूरे जिले के शिक्षा व्यवस्था में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, अंततः बीएसए द्वारा त्रुटि सुधार कर नया आदेश जारी करने से स्थिति स्पष्ट हो गई है।