ब्यूरो रिपोर्ट : शिवा मौर्य
रायबरेली जिले के बॉर्डर पर स्थित एफ़डीडीआई संस्थान फुरसतगंज मे जिला विद्यालय निरीक्षक अमेठी जनपद के सहयोग से शासकीय स्कूल के प्रधानाचार्यों का “एक्सपोजर विजिट” एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला मे अमेठी जिले मे अवस्थित शासकीय स्कूल के प्रधानाचार्यों ने प्रतिभाग किया। यह विजिट स्कूल के प्रधानाचार्यों को नई शिक्षा नीति-2020 के तहत ऐसे संस्थानो से संबधित जानकारी के लिए था जो स्किल शिक्षा के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण काम कर रहे है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केवीआईसी उत्तर प्रदेश के प्रदेश निदेशक नितेश धवन रहे। इस सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यकारी निदेशक सुनील द्विवेदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति वोकेशनल शिक्षा स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण स्तम्भ है। जैसा कि शिक्षा नीति कहती है कक्षा 6 से आगे स्कूल मे स्किल शिक्षा अनिवार्य है। इसी को ध्यान मे रखते हुए इस विजिट का आयोजन किया गया है। जिससे स्कूल प्रधानाचार्य यह जान सके कि उनके आस पास के संस्थान किस स्किल की शिक्षा दे रहे है एवं वे अपने स्कूल के लिए इन संस्थानो से किस प्रकार की सहभागिता कर सकते है। यह विजिट विभिन्न विद्यालयो से आए प्रधानाचार्यों को फुटवियर एवं फ़ैशन के क्षेत्र मे हो रहे नए प्रयोग एवं तकनीकी से रूबरू कराएगी। जिससे वे अपने छात्रो के साथ साझा करेंगे और छात्रो को सेवा, रोजगार तथा व्यवसाय परक शिक्षा के नए आयामों से अवगत कर सकेंगे। इस विजिट के माध्यम से प्रधानाचार्य शासकीय स्कूल के छात्रो को नवीनतम कौशलपरक पाठ्यक्रमो के लिए प्रेरित कर पाने में सक्षम हो सकेंगे ताकि उनके सुनहरे भविष्य की आधारशिला रखी जा सके।
अपने सम्बोधन मे धवन ने केवीआईसी की विभिन्न योजनाओ पर प्रकाश डाला। सरकार की विभिन्न सब्सिडि योजनाओं की भी जानकारी दी। इस कार्यक्रम के दौरान एफ़डीडीआई के कार्यकारी निदेशक ने यह भी बताया की वे छात्र जो इस वर्ष की इंटर की अथवा स्नातक की परीक्षा मे शामिल हुए है वे 30 अप्रैल तक एफ़डीडीआई की वेबसाइट पर जाकर अपनी योग्यता तथा रुचि के अनुसार संबधित कोर्स मे प्रवेश लेने हेतु रजिस्ट्रेशन करा कर हमारे रोजगार उन्मुख कौर्सेस मे एड्मिशन प्राप्त कर सकते है। उन्होने यह भी बताया कि एफ़डीडीआई को आईआईआरएफ रैंकिंग-2025 में डिज़ाइन कैटेगरी के सरकारी संस्थानो में प्रदेश में द्वितीय स्थान एवं देश मे पंद्रहवा स्थान प्राप्त हुआ है,जो न केवल एफ़डीडीआई बल्कि इस क्षेत्र के लिए भी गौरव का विषय है।