रायबरेली में बुधवार को केंद्र सरकार के निर्देशन में आयोजित मॉक ड्रिल को लेकर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर व पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह की उपस्थिति में जीआईसी ग्राउंड में संभावित हवाई हमले से सुरक्षा हेतु एक पूर्व नियोजित अभ्यास मॉक (ड्रिल) किया गया। डीएम ने बताया कि इसका उद्देश्य हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा मानसिक रूप से तैयार रहना है। भारत सरकार द्वारा आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन को युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार करना है। इस अभ्यास में विभिन्न सुरक्षा उपायों और प्रशिक्षण सत्रों को शामिल किया गया है। हम सब की सजगता और तैयारी ही हमारी सुरक्षा की कुंजी है।
इस आयोजित मॉकड्रिल में पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग एवं आपदा मित्रों के द्वारा स्कूल के विद्यार्थियों एवं अन्य जनमानस को क्या करें के सम्बन्ध में अभ्यास एवं जागरूक किया गया।
कृपया घबराएं नहीं। बच्चों को अवश्य जागरूक करें एयर रेड सायरन की आवाज़ पहचानें मोबाइल,रेडियो अथवा अन्य माध्यमों से सरकारी अलर्ट प्राप्त करें।अफवाहों पर विश्वास न करें; केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें। सुरक्षित स्थान शरणस्थल,निकटतम बंकर अथवा सार्वजनिक शरणस्थल की जानकारी रखें।अपने घर में एक मजबूत, बिना खिड़की वाला कमरा चिन्हित करें शरणस्थल तक शीघ्र पहुँचने का मार्ग पूर्वनिर्धारित रखें।
आवश्यक सामग्री तैयार रखें
कम से कम तीन दिन का पीने योग्य जल। सूखा भोजन जैसे बिस्कुट, ड्राय फ्रूट्स, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च और अतिरिक्त बैटरियाँ, पोर्टेबल रेडियो।आवश्यक दस्तावेज़ (पहचान पत्र, चिकित्सा रिपोर्ट, बैंक विवरण आदि)। मोबाइल चार्जर और पावर बैंक। रात के समय पूर्ण ब्लैकआउट सुनिश्चित करें – सभी लाइटें बंद रखें। खिड़कियों को मोटे पर्दों, काले कागज़ या ब्लाइंड से ढकें, शीशों से दूर रहें आवश्यकता पड़ने पर ज़मीन पर लेट जाएँ। परिवार के साथ हवाई हमले से बचाव की ड्रिल का अभ्यास करें। बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया से अवगत कराएँ। पड़ोसियों से संपर्क बनाए रखें और सामूहिक सहयोग सुनिश्चित करें।