ब्यूरो रिपोर्ट : शिवा मौर्य
रायबरेली जिले में जीरो टॉलरेंस नीति का मखौल उड़ाया जा रहा है। यहाँ के हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र में गंगागंज से अजमतउल्ला गंज को जोड़ने वाली सड़क का हाल ही में डामरीकरण किया गया था, लेकिन पहली बारिश में ही यह सड़क बह गई, जो निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाता है। यह स्थिति न केवल लोक निर्माण विभाग (PWD) की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करती है। जानकारी के अनुसार, रायबरेली में सड़कों की खराब स्थिति कोई नई बात नहीं है। उदाहरण के लिए लखनऊ-प्रयागराज हाईवे के हरचंदपुर से गुरबक्शगंज को जोड़ने वाले हिस्से पर अंगूरी के पास सड़क की स्थिति पहले से ही खराब थी और स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह जगतपुर थाना क्षेत्र में झरहा गांव की सड़क निर्माण में भी गुणवत्ता की कमी पाई गई, जहां PWD द्वारा लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद मानकों की अनदेखी की गई यहां गंगागंज-अजमतउल्ला गंज में सड़क के मामले में, भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है। पहली बारिश में सड़क का बह जाना यह स्पष्ट करता है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग या ठेकेदारों द्वारा मानकों की अनदेखी की गई। यह समस्या रायबरेली के अन्य क्षेत्रों जैसे शिवगढ़ और जगतपुर-डलमऊ मार्ग पर भी देखी गई है, जहां सड़कें ओवरलोड वाहनों और बारिश के कारण टूट गई हैं। स्थानीय निवासियों ने सड़क की मरम्मत की मांग की है, लेकिन प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई का अभाव दिखता है।

इसके अलावा रायबरेली में भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, कोतवाली क्षेत्र के मनिका सिनेमा के पास नवनिर्मित सड़क भी बारिश में ढह गई थी, जिसके खिलाफ लोगों ने विरोध जताया। यह स्थिति यह सवाल उठाती है कि क्या विकास केवल कागजों तक सीमित है और धरातल पर हकीकत इसके विपरीत है। स्थानीय प्रशासन और PWD को इस मामले में तत्काल जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इस भ्रष्टाचार का वीडियो स्थानीय ग्रामीणों ने भी सोशल मीडिया पर बनाकर वायरल किया है और जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं।