बीते विधानसभा आमचुनाव चुनाव के दौरान नफरती भाषण सहित चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले की सुनवाई हुई। सीजेएम डाँ. के.पी. सिंह ने मामले मे फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत किया गया था।
इस दौरान अब्बास अंसारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए उनकी गैरहाजिरी मांफी का प्रार्थना पत्र दिया गया था। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है। मामले में अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में अपराध संख्या 97/ 22 धारा 506, 171च भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया।
आरोप है कि 03 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा कि जनपद मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब किताब करने व इसके बाद सबक सिखाने की धमकी मंच से दी गई थी।
पुलिस ने विवेचना मे मामले में धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी भादवि मे सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट गाजीपुर जनपद के पुरानी कचहरी यूसुपुर मुहम्मदाबाद निवासी मंसूर अंसारी के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया है। मामले में अभियोजन का साक्ष्य और बहस पूरा हो गया है। मामले में आरोपियों की ओर से बहस पूरी नहीं हो सकी थी। जिसमें सीजेएम ने मामले में फैसला के लिए 31 मई की तिथि नियत किया था। इसमें दो दिन पूर्व ही 28 मई को अब्बास अंसारी के अधिवक्ता ने अपनी बहस पूरी कर ली।