भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका भूमिज भाषा को विवाद में लाने वाले जयचंद से सरकार सचेत रहे : कैलाश यादव
रविवार 22 जून को अखिल भारतीय भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक रांची के हरमू स्थित स्वागतम बैंक्वेट हॉल में मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे। बैठक में चर्चा के दौरान उपस्थित लोगों द्वारा सरकार के भाषा विवाद पैदा करने पर काफी रोष व्यक्त किया गया। लोगों ने कहा कि जिला स्तर पर झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में कुल 17 क्षेत्रीय भाषा की सूची से भोजपुरी मगही मैथिली अंगिका और भूमिज भाषा को नजरअंदाज कर 12 भाषा को लागू किया गया। जिस कारण बहुसंख्य समाज में जनाक्रोश पैदा हो गया है। कैलाश यादव ने कहा कि विदित हो कि विगत वर्षों भी सरकार द्वारा ऐसी हरकत की गई थी, जिस कारण राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था। सरकार को संज्ञान में होना चाहिए कि पलामू गढ़वा में सौ फीसदी लोग भोजपुरी मगही भाषा का प्रयोग करते हैं और गोड्डा साहिबगंज देवघर जामताड़ा व अन्य स्थानों में अंगिका भाषा बोलते हैं एवं रांची जमशेदपुर बोकारो धनबाद कोडरमा चतरा हजारीबाग में भोजपुरी मगही भाषा बड़ी आबादी में बोली जाती है। इसलिए सरकार को सचेत रहने की जरूरत है, ताकि समाज में सामाजिक समरसता और भेदभाव न बिगड़े तथा सरकार में शामिल वैसे जयचंद से सावधान रहने की जरूरत है, जो रह रह कर प्रशासनिक तौर पर जनविरोधी जनभावना एवं जनमत के खिलाफ सुझाव देते हैं। श्री यादव ने कहा कि संगठन की मजबूती और विस्तार के लिए अब मंच का बैठक निरंतर जारी रहेगा।

इस संदर्भ में अगली बैठक दिनांक 29 जून को हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित पटेल पार्क में की जाएगी। मैथिली संघर्ष समिति के संयोजक अमरनाथ झा ने कहा कि राज्य में मान्यता प्राप्त 17 क्षेत्रीय भाषाएं है। जिला स्तर पर सरकार 2023 के गजट अनुसार सिर्फ 12 भाषाओं को मान्यता दिया है जो गलत है। सरकार को अपने निर्णय पर पूर्विचार करने की जरूरत है। बैठक में मृत्युंजय झा, नंदन यादव, राम पुकार राय, रामकुमार यादव, नवीन झा विभाकर कुमार, सुनील पांडेय कुंदन सिंह, यतींद्र लाल दास, राजकुमार मिश्रा, दीनानाथ, चंद्रदेव मंडल, अरुण कुमार मिश्रा, ब्रज कुमार झा, राधेश्याम यादव, उमेश राय, शिवकुमार नाथ झा सहित कई लोग मौजूद थे।