ये विकसित भारत के लिए समर्पित बजट है : PM मोदी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी) को सदन लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया। मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह चुनाव के पहले अंतिम और उनका छठा बजट पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में तीन महीने का पूरा लेखा-जोखा पेश किया है, जिसे सरकार को जनता पर खर्च करना होगा। उसके बाद आम चुनाव और जुलाई 2024 तक केंद्र सरकार पूर्ण बजट लेकर आएगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह देश के मजबूत भविष्य की गारंटी है। ये विकसित भारत के भविष्य के निर्माण का बजट है। इस बजट में युवा, महिला और किसान को सशक्त बनाने की बात कही है। इसके साथ ही स्टार्टअप्स को मिलने वाली छूट को लेकर भी घोषणा की है।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकाला गया : निर्मला
वित्त मंत्री ने संसद में अपने बजट के शुरुआत में कहा कि सामाजिक कल्याण के लिए सरकार ने सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी नीति और कार्यक्रम लागू किए गए, भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत जनधन खातों के जरिये 34 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इससे 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था हो पाई।
और कहा कि कोविड महामारी के बावजूद पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ घर मुहैया कराए गए, दो करोड़ नए घर भी परिवारों को दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का दृष्टिकोण सबका साथ, सबका वश्विास है और इसके अनुरूप सरकार काम कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए और तेजी से काम किया जाएगा। देश के मंडियों को eNAM से जोड़ा जा रहा है। हमारी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।
ट्रांसपोर्ट को लेकर बड़ा ऐलान
बजट में ट्रांसपोर्ट को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है, कि सरकार 40 हजार नॉर्मल रेल डिब्बे को बदल कर वंदे भारत जैसी कोच बनाने की तैयारी कर रही है। 3 नए रेल कॉरिडोर के निर्माण और इसके अलावा मेट्रो और नमो रेल का भी अन्य शहरों तक विस्तार किए जाने की बात कही है।
इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
लोग टैक्स पर राहत की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इसमें कोई बदलाव नहीं कि गई है। मिडिल क्लास को फाइनेंस मिनिस्टर से उम्मीद थी, कि इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाये। बजट में सीतारमण ने इंपोर्ट ड्यूटीज समेत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के लिए मौजूदा टैक्स रेट्स बनाए रखने का प्रस्ताव दिया है।
कृषि क्षेत्र की योजनाओं को बढ़ावा दे सकती हैं सीतारमण
सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अंतरिम बजट में प्रमुख कृषि क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि करने और ऋण को बढ़ावा देने की संभावना है, क्योंकि 2023-24 में कृषि विकास दर पिछले वर्ष के 4% से धीमी होकर 1.8% होने की उम्मीद है। आपको बता दें, कि साल 2019 के आम चुनावों से पहले, 2019 के अंतरिम बजट में, सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि की घोषणा की, जो छोटे किसानों को हर साल 6,000 रू. तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। चुनावी साल में उम्मीद है कि आगामी बजट में सहायता राशि बढ़ेगी।
इसके अलावे सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ रु करने की घोषणा करेगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक पात्र किसान की संस्थागत ऋण तक पहुंच हो। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का कृषि-ऋण लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष में, दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रू. के कृषि-ऋण लक्ष्य का लगभग 82 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।
पिछले बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 60,000 करोड़ रुपये अलग रखे गए थे। 30 नवंबर, 2023 तक, योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसानों को ₹ 2.81 लाख करोड़ से अधिक वितरित किए जा चुके थे।
वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण ने छठा बजट पेश की
आपको बता दें, कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी 2024) को अपना पहला अंतरिम बजट पेश की है। हालांकि, भारत के इतिहास में कई वित्त मंत्री ऐसे भी हुए हैं, जो बजट पेश नहीं कर सके। वहीं कई प्रधानमंत्रियों ने भी बजट पेश किया है। जवाहरलाल नेहरू देश का बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री भी थे। जब जस्टिस छागला आयोग टी.टी. जब कृष्णामाचारी को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया, तो उन्होंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और पंडित नेहरू ने 1958-59 का बजट पेश किया था।
नेहरू के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने भी प्रधानमंत्री के तौर पर देश का बजट पेश किया था। 1970 में मोरारजी देसाई के वित्त मंत्रालय से इस्तीफा देने के बाद इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था। वह देश की पहली महिला वित्त मंत्री भी बनी। उनके बाद निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं। सीतारमण का वित्त मंत्री के रूप में यह छठा बजट है।