रिपोर्ट :- नासिफ खान इंदौर
आपको बता दे एक अनुमानित किया गया है कि करीब साढ़े चार लाख करोड़ सिगरेट बट्स यनी 3,50,000 टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहे हैं, जो सेहत को, पर्यावरण को घातक बनाने मे यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) की ओर से जारी नई रिपोर्ट में सामने आई रही है।
आपको पता है रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर सिगरेट के टुकड़े सबसे ज्यादा खुले में फेंका जाने वाला कचरा है। यह न केवल जमीन बल्कि नदियों, झीलों और समुद्रों तक को दूषित कर रहा है। यह गैर बायोडिग्रेडेबल कूड़े का एक रूप अनुमान है, कि वैश्विक स्तर पर फेंके गए करीब 40 फीसदी सिगरेट बट्स नदियों और समुद्रों में मिल रहे हैं। यह मछली, पक्षी और व्हेल सहित कई समुद्री प्रजातियों को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है।

दो सिगरेट बट 100 लीटर पानी को भी कर सकता है खराब। रिपोर्ट के अनुसार एक सिगरेट बट करीब 40 लीटर पानी को दूषित कर सकता है। अनुमान है कि जितनी मात्रा में यह सिगरेट के टुकड़े समुद्रों और नदियों में मिल रहे हैं वे हर साल 72 क्वाड्रिलियन यानी एक करोड़ शंख लीटर पानी को दूषित कर सकते हैं।क्वाड्रिलियन यानी 1 के बराबर एक संख्या जिसके बाद 15 शून्य हों। यह एक हजार ट्रिलियन के बराबर होती है।
जल मे रहने वाले जीवों के लिए नुकसानदायक होता है
शोध में सामने आया है कि मछली, पक्षी और व्हेल सहित कई समुद्री जन जातियां खाने के दौरान अनजाने में इन सिगरेट के बट को निगल लेती हैं। इस वजह से इन जीवों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचता है। यहां तक कि इन जीवों की मौत तक हो सकती है।

हर साल काटे जा रहे 60 करोड़ पेड़
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक तम्बाकू उद्योग हर साल करीब 2 लाख हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करता है। इसके लिए दुनिया भर में 60 करोड़ पेड़ों को काट जाता है। इसके अलावा यह उद्योग हर साल करीब 2,200 करोड़ टन पानी का उपयोग करता है और लगभग 8.4 करोड़ टन सीओ 2 उत्सर्जित करता है। यह समस्त हानिकारक प्रभाव मिलकर जलवायु परिवर्तन में भी नकारात्मक योगदान दे रहे हैं।