झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 अब एक महाघोटाला का रूप ले चुका है। इस मामले में जेएसएससी प्रबंधन से लेकर परीक्षा आयोजित कराने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी की भूमिका संदिग्ध है।
28 जनवरी 2024 की आयोजित परीक्षा को पेपर लीक के बाद रद्द किया जाना, आयोग द्वारा यह अधिकारिक तौर पर स्वीकार करना है कि गड़बड़ी हुई है। पेपर लीक के इस मामले में आयोग द्वारा नामकुम थाना में कांड संख्या 45/24 के तहत मामला भी दर्ज कराया गया है। साथ ही छात्रों पर भी नामकुम थाना में कांड संख्या 46/24 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जो पुरी तरीके से फर्जी प्राथमिकी है। छात्रों को सुनियोजित तरीके से परेशान करने की साजिश रची गई है।
उक्त बातें जेबीकेएसएस के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं बरही विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता ने प्रेस वार्ता कर कही।

उन्होंने जेएसएससी के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कहा कि बार – बार परीक्षा को रद्द किया जाना। पेपर लीक। सीटों की खरीद फरोख्त। सेटिंग, सांठगांठ की खबरों से आयोग की विश्वसनीयता पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा होता है।
ऐसे में इस मामले की सीबीआई जाँच अतिआवश्यक है। बिना सीबीआई जाँच के इस मामले में शिक्षा माफियाओं, दोषी पदाधिकारियों के ऊपर कारवाई मुश्किल प्रतीत होती है।
संजय ने आगे कहा कि वर्तमान में जो झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हैं वे पूर्व में झारखंड पुलिस में डीजीपी रह चुके हैं। 12 फरवरी 2023 को ही वे झारखंड डीजीपी के पद से सेवानिवृत हुए हैं।
फिलहाल झारखंड पुलिस एसआईटी गठित करके पेपर लीक के इस मामले की जाँच कर रही है। लेकिन छात्रों एवं आम जनों का मानना है कि एक पूर्व के पुलिस व्यवस्था के सबसे उच्च अधिकारी के खिलाफ जाँच करने में एक डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को समस्या आ सकती है। ऐसे में अनुसंधान में निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा होगा।
मीडिया के खबरों के अनुसार इस मामले में बड़े शिक्षा माफियाओं, पदाधिकारियों की भूमिका एवं संलिप्तता है। जो जाँच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
जिस आउट सोर्सिंग एजेंसी को परीक्षा आयोजित कराने की निविदा प्राप्त है। वे कंपनी वाले ताकतवर लोग हैं। वे जाँच की दिशा को मोड़ने की क्षमता रखते हैं।
साथ ही कई अन्य ऐसे गोपनीय तथ्य एवं आधार हैं जिसके बुनियाद पर इस मामले की सीबीआई जाँच अत्यंत जरूरी प्रतीत होती है। इस पहलू को लेकर संजय मेहता ने मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है।
संजय ने प्रेस को संबोधित करते हुए सरकार से यह मांग किया है कि पेपर लीक की सीबीआई जांच हो, छात्रों पर जो फर्जी केस दर्ज किया गया है उसे जल्द से जल्द निरस्त करे एवं एजेंसी को बदलकर जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा को पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए। नहीं तो झारखंड के छात्र चुप नहीं बैठेंगे। आंदोलन का रूप और बड़ा होगा। यदि केस निरस्त नहीं होगा तो छात्र जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेंगे। प्रेस कांफ़्रेस में छात्रों पर हुए लाठी चार्ज का एक वीडियो भी जारी किया गया।
प्रेस कांफ़्रेस में मनोज यादव, उदय मेहता, महेंद्र प्रसाद, संजय महतो, आर्यकांत मेहता, देशबंधु चौधरी, संजय महतो, अजीत यादव, विनय मेहता मौजूद रहे।