भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा राज्य सरकार ने हरदा हादसे की जानकारी लगते ही कैबिनेट की बैठक बीच में रोकी। मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के साथ दो अधिकारियों को घटना स्थल पर भेजा।
50 मिनिट के अंदर आपात बैठक बुलाकर तैयारी की। 100 से ज्यादा फायर ब्रिगेड घटना स्थल पर भेजी गई और 50 से अधिक एंबुलेंस ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को लेने के लिए लगाई गई।
इंदौर, भोपाल और होशंगाबाद में अस्पतालों को अलर्ट जारी किया।
जब घायल वहां पहुंचे तो डॉक्टरों की टीम तैयार थी।
400से अधिक जवानों को हरदा पहुंचाया। घायलों को इलाज मिले और प्रभावितों के परिवारों को संभाला जाएं इसके लिए टीम तैनात की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे पर वरिष्ठ अधिकारियों की टीम जांच कर रही है। कितना भी बड़ा अधिकारी हो दोषी पाएं जाने पर नही बचेगा।
इस मामले में कठोर कार्रवाई करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडला जिले में 17, दतिया जिले में 4, मुरैना में 5, जबलपुर में 123, शिवपुरी में 10, ग्वालियर में 26, नरसिंहपुर में 6, डिंडोरी में 6, छिंदवाड़ा में 72, कटनी में 6, शहडोल में 29, अशोक नगर 7 फटाखा फैक्ट्री का निरीक्षण किया जा चुका है।
हरदा में 12, इंदौर में 8 फैक्ट्री और 16 गोडाउन सील किए गए है।
राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए चिकित्सा के पर्याप्त प्रबंधन कर रही है.. बर्न यूनिट और बनाएंगे, मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा भी प्रारंभ की जाएगी।
इस मामले में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जब स्थगन प्रस्ताव लाएं तो हमने इसे स्वीकार किया, क्योंकि राज्य सरकार ने इस घटना के बाद अपने स्तर पर व्यापक प्रबंध किए।