विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की एक बैठक शुक्रवार को करगली में लखनलाल महतो की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें 20 फरवरी से आहूत सीसीएल में तीनों एरिया का बेमियादी चक्काजाम आंदोलन के मद्देनजर तैयारी की समीक्षा की गई। तीनों एरिया के प्रबंधन से हुई वार्ता की भी समीक्षा की गई। कई मामले नीतिगत कहकर एरिया स्तर की वार्ता में प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया है । ऐसे में विस्थापितों का मामला पुनः खटाई में रह जाएगा । हालांकि एक एरिया में सकारात्मक बातें भी हुई है, जिसपर कौर कमिटी की बैठक में चर्चा की जाएगी तदुपरांत निर्णय लिया जाएगा। नेताओं ने कहा कि वर्तमान में कोल इंडिया के चेयरमेन पीएम प्रसाद की अध्यक्षता में सीसीएल प्रबंधन के साथ मुख्यालय स्तर की वार्ता हुई थी। एक साल बीत गया लेकिन वार्ता के निर्णयों को लागु करने में क्षेत्रीय प्रबंधकों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। 14 फरवरी 2022 को तीनों एरिया का चक्काजाम आंदोलन के दौरान तीनों एरिया के महाप्रबन्धकों ने वार्ता कर लिखित समझौता किया था, उसे भी प्रबंधन ने लागु नहीं किया। जिससे विस्थापितों में अविश्वास की भावना बढ़ी है। मौके़ पर महासचिव काशीनाथ केवट, कार्यकारी अध्यक्ष बिनोद महतो, जानकी महतो, डॉ दशरथ महत, धनेश्वर महतो, लाल मोहन महतो, जहाँगीर, लालमोहम यादव, राजेश गुप्ता, चंदन राम, श्याम महतो, भगीरथ करमाली, बबीता देवी, त्रिलोकी सिंह, विरेन्द्र सिंह आदि थे।
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