बेरमो : माननीय झालसा, रांची के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के मार्गदर्शन में रविवार 18 फरवरी को तेनुघाट जेल में बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी रूपम स्मृति टोपनो ने बंदियों को कानून की जानकारी देते हुए अधिकार और कर्तव्य की जानकारी दी। बताया कि जहां अधिकार है वहीं कर्त्तव्य भी है। रोड पर चलना जहां आपका अधिकार है वहीं बाएं ओर चलना आपका कर्तव्य है। इसलिए आपको अधिकार के साथ ही साथ कर्त्तव्य का भी पालन करना चाहिए।

आगे बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बतलाते हुए कहा कि माननीय नालसा, नई दिल्ली एवं माननीय झालसा, रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं । जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। आगे बंदियों से जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। आगे बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। स्वागत भाषण एव मंच संचालन अधिवक्ता सुभाष कटरियार और धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने किया। मौके पर विजय कुमार एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने दी ।