बेरमो : 30 वर्ष पहले मेजर नागेंद्र प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। तब मैं आईपीएफ बोकारो जिला का अध्यक्ष और मेजर नागेन्द्र प्रसाद उपाध्यक्ष थे। मेजर नागेंद्र के नेतृत्व में बोकारो जिले की सदियों से दबी कुचली ,ठगी लूटी जनता प्रबल झंझावत और प्रचंड तुफान की तरह उठ खड़ी हुई थी और पूरे जिले में माफियाई ताक़तों व जनविरोधी शक्तियों के खिलाफ शोषित जनता ने हल्ला बोल दिया था। उक्त बातें विस्थापित नेता काशीनाथ केवट ने रविवार को अपने आवासीय कार्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्यभर में चले शोषण और जुल्मोसितम के खिलाफ जनमुक्ति आंदोलन में मेजर नागेंद्र के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शोषित पीड़ित जनता को संगठित कर उन्होंने जनविरोधी व्यवस्था के खिलाफ जुझारू संघर्ष विकसित किया था। इसी कारण से भ्रष्ट पुलिस अपराधी गठजोड ने जनता के बहादुर योद्धा मेजर नागेन्द्र प्रसाद की हत्या कायरता पूर्ण तरीके से कर दी थी।उन्होंने कहा कि शहीद मेजर नागेन्द्र प्रसाद अपनी कृतियों के कारण आज भी जरीडीह , कसमार एवं पेटरवार क्षेत्र की जनता के स्मृति में जिन्दा हैं। कहा कि जनमुक्ति संघर्षों को आगे बढाकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता जनक प्रसाद भगत ने की उन्होने कहा कि शहीद मेजर नागेंद्र के साथ वर्षों सांगठनिक कार्य करने का मौका मिला वे शोषित जनता के साथ घुलमिल जाते थे। आज भी उनके संघर्षो को याद कर क्षेत्र की जनता रोमांचित हो उठती है। दो मिनट का मौनव्रत धारण कर तथा शहीद मेजर नागेन्द्र की तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित कर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर नारायण सिंह ,चुनिलाल केवट आदि ने विचार व्यक्त किये।