रिपोर्ट : कुलवंत रंजन दास
कुमारडुंगी : कोल्हान की रुढ़िवादी परम्परा को कायम रखने के लिए रविवार के दिन हाटगम्हरिया प्रखंड अंतर्गत कुशमुंडा गांव में आदिवासी एवं पान तांती समाज के लोगों ने बैठक किया। इसमें पुर्वजों से चली आ रही परंपरा को लेकर माघे पर्व के पुजा पाठ करने वाले दियुरी जनों को पान तांती समाज ने नया वस्त्र भेंट किया। इस दौरान दियुरी दिशु हेस्सा ने बताया कि आदिवासी समुदाय की चर्चित पर्व माघे पर्व का आयोजन काफी पौराणिक है। इस पर्व के आयोजन को लेकर समुदाय ने कई रीति नियम बनाए हैं। इन्हीं रीति नियमों में से एक नियम यह भी है कि माघे पर्व में पुजा के दौरान पान-तांती समाज के लोगों द्वारा बनाई गई वस्त्र को धारण कर ही पुजा किया जाना है। ऐसा नही करने पर माघे पर्व की पुजा पुर्ण नहीं होगी। बैठक में गांव के दियुरी एवं बोंगा बुरु सेवा साड़ा समिति के सदस्य हरिचरण हेस्सा, हरी हेस्सा, सुरेन हेस्सा, मोहन हेस्सा, डोली हेस्सा, सिंगा हेस्सा, बोजमती हेस्सा, लंका सिंकु, दामपा सिंकु, रामेश सिंकु, माटु सिंकु को वस्त्र भेंट किया गया। बैठक में शामिल कोल्हान प्रमंडल पान तांती समाज कल्याण समिति के जिला संयोजक अभिमन्यु पान ने बताया कि दियुरीयों को वस्त्र देने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। इस परम्परा के कारण गांव में होने वाली माघे पर्व में सभी समुदाय के लोग खुलकर शामिल होते हैं। इससे गांव में शांति एवं मिलनसार रुप से माघे पर्व वर्षों से चलती आ रही है। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चद्रंशेखर दास, कुशमुंडा पंचायत मुखिया रानी मेलगाडी, ग्रामीण मुंडा राजा राम गागराई, पान तांती समाज कुमारडुंगी कमिटी के प्रखंड अध्यक्ष रोशन पान, मझगांव संयोजक शवीर कुमार तांती, खेमकरन पान, जवाहरलाल पान आदि उपस्थित थे।