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CAA लागू होने पर खुशी की लहर, आखिर कौन है मतुआ समुदाय

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CAA लागू होने पर खुशी की लहर, आखिर कौन है मतुआ समुदाय; बंगाल से जुड़ा सियासी कनेक्शन
सीएए (CAA) का सबसे ज्यादा लाभ बंगाल में मतुआ समुदाय (Matua community) को ही होने वाला है, भारत के विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से बड़ी संख्या में हिंदु मतुआ शरणार्थी बंगाल आ गए थे, ये ऐसे शरणार्थी हैं जिन्हें आजतक भारतीय नागरिकता नहीं मिल पाई है, कई दशकों से ये लोग भारतीय नागरिकता की लगातार मांग कर रहे थे जो अब पूरी होनी वाली है

कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की अधिसूचना जारी करने के बाद से बंगाल में मतुआ समुदाय (Matua community) के लोगों में खुशी की लहर है। शाम में सीएए अधिसूचना जारी होने की खबर सामने आते ही समुदाय के लोगों ने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में जश्न मनाया, जहां मतुआ महासंघ का मुख्यालय व प्रमुख मंदिर है। बड़ी संख्या में समुदाय के लोग ठाकुरनगर में स्थित मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री हरिचंद व गुरुचंद ठाकुर के मंदिर के सामने इक्ट्टा होकर ढ़ोल-नगारों के साथ नाच-गाकर जश्न मनाया।

सीएए का सबसे ज्यादा लाभ बंगाल में मतुआ समुदाय को ही होने वाला है। भारत के विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से बड़ी संख्या में हिंदु (Hindu) मतुआ शरणार्थी बंगाल आ गए थे। ये ऐसे शरणार्थी हैं, जिन्हें आजतक भारतीय नागरिकता नहीं मिल पाई है। कई दशकों से ये लोग भारतीय नागरिकता की लगातार मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होनी वाली है।

भारतीय नागरिकता के लिए लड़ी लड़ाई
बंगाल में मतुआ शरणार्थी मुख्य रूप से बांग्लादेश की सीमा से लगे उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, कूचबिहार के अलावा पूर्व व पश्चिम बद्र्धमान जिले में फैले हुए हैं। देश विभाजन के बाद बाद हरिचंद-गुरुचंद ठाकुर के वंशज प्रमथा रंजन ठाकुर और उनकी पत्नी वीणापाणि देवी उर्फ बड़ो मां ने मतुआ महासंघ की क्षत्रछाया में राज्य में मतुआ समुदाय को एकजुट किया और उन्हें भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए कई आंदोलन किए।

मतुआ समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी होगी और उन्हें नागरिकता मिलेगी। सुवेंदु ने कहा कि अब कोई भी उन्हें (मतुआ को) उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता, यहां तक कि ममता बनर्जी भी नहीं। सुवेंदु ने सीएए लागू होने पर मतुआ समुदाय और अखिल भारतीय मतुआ महासंघ को भी अपनी शुभकामनाएं दी।

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