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टूटे लालगंज बाईपास रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण की आस देख पथरा गईं आंखें

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नेताओं, अधिकारियों के कोरे आश्वासन से आजिज आयी जनता

लालगंज/रायबरेली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकार्पित लालगंज बाईपास रेलवे पुल 2019 से टूटा पड़ा है। बांदा-रायबरेली नेशनल हाईवे पर सेमरपहा लालगंज गोविंदपुर वलौली बाईपास के बंद होने से क्षेत्रीय लोगों को भारी मुसीबत का सामना उठाना पड़ रहा है । इस मार्ग से दिन-रात हजारों वाहनों का आना-जाना होता है। पुल टूट जाने के चलते रायबरेली वाया फतेहपुर चलने वाले वाहन लालगंज से होकर निकलते हैं। जिससे दिनभर लालगंज में जाम लगा रहता है। लोगों ने शीघ्र से शीघ्र रेलवे पुल को बनाने की मांग की है।

गौरतलब है कि बांदा बहराइच नेशनल हाईवे 232 के लालगंज बाईपास पर दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे ब्रिज सहित नेशनल हाईवे का लोकार्पण किया था। करीब 1100 करोड़ की लागत से बांदा बहराइच मार्ग का चौड़ीकरण और पुल का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने रेल कोच के इनडोर स्टेडियम में एक बड़ी जनसभा के दौरान किया था। उस समय 2019 लोकसभा चुनाव की बेला थी और भाजपा सरकार ने रायबरेली में चुनावी बढ़त लेने के मद्देनजर एक बड़ी योजना का लोकार्पण किया था लेकिन दुर्भाग्य की बात 6 माह बाद ही बाईपास पर बना रेलवे ब्रिज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

रेलवे पुल में दरार आने के बाद पहले तो एनएचएआई ने रेलवे पुल पर आवागमन बंद किया और बाद में रेलवे पुल को तोड़ दिया । तब से आज तक बाईपास का आवागमन बंद है। वास्तव में नेशनल हाईवे ने सेमरपहा के पहले से गोविंदपुर वलौली तक करीब 5 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाया था और उस पर रेलवे पुल का निर्माण हुआ

बता दें कि लालगंज कस्बे में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए साल 2018 में बाईपास का निर्माण किया गया था। उसके बाद ऐहार में टोल प्लाजा का निर्माण किया गया था। दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री ने बाईपास रोड का लोकार्पण किया था, लेकिन पांच महीने बाद ही रेलओवर ब्रिज के पिलर में दरार आने से इस मार्ग को बंद कर दिया गया। इसके बाद भी टोल वसूली बंद नही हुई।

लोगों का कहना है कि जब बाईपास रोड की सुविधा नही मिल रही है तो अवैध रूप से टोल क्यों वसूला जा रहा है। उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद भी अवैध तो वसूली बंद नहीं हुई है जिससे साफ है की प्रशासन का इस आहार टोल पर अवैध वसूली को संरक्षण प्राप्त है।

रेलवे ब्रिज के निर्माण से लालगंज में जाम लगना बंद हो गया था क्योंकि फतेहपुर से आने वाले वाहन बाईपास से होकर रायबरेली निकल जाते थे लेकिन पुल के मानक विहीन होने, पुल में दरार पड़ जाने और उसके बाद नेशनल हाईवे के अधिकारियों के द्वारा उसे तोड़ दिए जाने के बाद से बाईपास का आवागमन पूरी तरह से ठप पड़ा है।कई बार इस बदहाल बाईपास रेलवे ओवर ब्रिज को लेकर विभिन्न संगठनों, लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन व अनशन तक किया गया पर नतीजा कुछ नहीं निकला।

भारतीय किसान यूनियन (श्रमिक शक्ति)के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिकांत तिवारी, उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार तिवारी, युवा विकास समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ त्रिवेदी, रामेंद्र सिंह, अनुज शुक्ला, आञ्जनेय बाजपेई, नगर पंचायत सभासद अतुल शर्मा, युवक कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष अभिनव तिवारी (संगम),बिंदा प्रसाद, टी के शुक्ला, शिव महेश बाजपेई, जितेंद्र बाजपेई, योगेन्द्र त्रिवेदी, मनमोहन मिश्रा, विवेक बाजपेई, राघवेन्द्र सिंह, राजू तिवारी, लाला अवस्थी, श्रीकांत त्रिवेदी, अमित गुप्ता, सत्यम मिश्रा, अंकित सोनी,हरिकेश अग्रहरि,पुलक दीक्षित, संतोष मिश्रा, शिवम पाण्डेय आदि लोगों ने बताया कि कई बार इस टूटे हुए बाईपास रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर उच्चाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया गया लेकिन नतीजा शून्य ही रहा।

मार्च 2024 में सेमरपहा लालगंज बाईपास में रेल लाइन के ऊपर टूटा पड़ा ओवरब्रिज फिर से चालू हो जाएगा। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी आयुष्मान ने बताया कि यहां पर स्थान न होने के चलते पुल के बाबत गार्डर और कास्टिंग का कार्य बाहर चल रहा है। मार्च तक बाईपास रेलवे ओवर ब्रिज चालू कर दिया जाएगा।

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