ब्यूरो रिपोर्ट मध्य प्रदेश
देवास : जिला के छोटे से ग्राम सुरमन्या थाना कांटा फोङ छेत्र मे रहने वाली पुष्पा नायक के साथ हो रहे अत्याचार का जिम्मेदार कौन है। आपको बता दे पुष्पा नायक मजदूरी कर अपने दो छोटे मासूम बच्चो का पालन पोसङ कर गुजारा करती है।

पर उसी गांव मे सरपंच का पति महेश डोंगर और उसका बङा भाई श्याम पिता डोंगर कांटाफोङ थाना प्रभारी सुरेखा सिंह के सामने पुष्पा नायक को खुले आम जान से मारने की धमकी दे रहा है।

मगर… अफसोस की दबंगो के इशारे पर कठपुतली की तरहा नाचने वाली थाना कांटाफोङ पुलिस ने सिर्फ ये कहकर श्याम डोंगर को चुप करा दिया कि इसे गाङी मे बिठाओ ना ही उस दरिन्दे के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की बल्की पुष्पा नायक को ही मैडम थाना प्रभारी ये कहकर डरा रही हैं की तुमने इसे गाली क्यू बकी।

विवाद का कारण क्या है
जिला मे सूरमन्या नाम का एक छोटा सा गांव है। उसी गांव से सरपंच पट्टू बाई का पति महेश डोंगर सिंह और उसका बङा भाई श्याम डोंगर सिंह का चलता है गुंडाराज और उसी गांव में रहती है एक बे सहारा गरीब पुष्पा नायक जो बङे शहरों के हास्पिटलो मे साफ सफाई का काम कर अपने दो छोटे मासूम बच्चो का पेट भर गुजारा करती है। सुरमन्या गांव मे पुष्पा नायक सरकारी जमीन पर 20 सालो से एक छोटा सा मकान बनाए रह रही थी। तभी ग्राम सुरमन्या से पहली बार पट्टू बाई सरपंच बनी और फिर दौर सुरू हुआ दहसत गर्दी का तभी सरपंच की नजर पङी सरकारी जमिनो पर और पांच एकङ से अधिक जमिनो पर अपना कब्जा जमा बैठा और इस गैर कानूनी.कामो मै महेश डोंगर का बङा.भाई श्याम डोंगर सिंह भी सामिल है। मगर पुष्पा नायक का मकान ही क्यू तोङा गया। उसके पास तो प्रमाण था। फिर भी प्रशासन ने एक मामुली से गुन्डों के इशारे पर किसी गरीब के सर की छत गिरा दी क्या यही है। इंशाफ आज वो बे सहारा पुष्पा.नायक कहा जाएगी अपने मासूम बच्चो को लेकर कानून सबके लिए बरा बर है, तो फिर क्यूं किया जा रहा है गरीबों के साथ भेदभाव एक पुलिस की वर्दी मे खङे जिम्मेदार लोगो के सामने पुष्पा नायक को जानसे मारने की धमकी दी जा रही है और पुलिस मुकबधिर बने खामोश खङी तमाशा देखती रही।