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कोंसा ग्राम पंचायत अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में किया गया निलंबित

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रायबरेली मे योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति की मिसाल सामने आई है। यहां जिलाधिकारी को भृष्टाचार की शिकायत मिलने पर उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ जाँच का निर्देश दिया था। जांच में दोषी पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी ने भ्रष्टाचार किए जाने के मामले में निलंबित कर दिया है और आगे की जांच की जा रही है।

जानकारी अनुसार बता दे की गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने डीएम को ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ मिली शिकायत के बाद विकास कार्य में भृष्टाचार के साक्ष्य मिलने पर ग्राम पंचायत अधिकारी आलोक कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया।

दरअसल आलोक कुमार का ट्रांसफर दूसरी ग्राम सभा में किया गया था। जिला पंचायतराज अधिकारी की जांच में सामने आया कि पूर्व में सतांव ब्लॉक के कोंसा ग्राम में तैनात रहे, आलोक कुमार ने अपने ट्रांसफर आदेश के बाद भी कई कार्यों के भुगतान किये थे। इसके अलावा उन्होंने हैण्ड पंप के रिबोर का पैसा भी रिलीज़ किया था। जबकि स्थलीय  निरीक्षण में यह सच नहीं पाया गया। फिलहाल आलोक कुमार ने अपनी तैनाती के दौरान लगभग छह लाख की वित्तीय अनिमितता की हैं। जिसको लेकर जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया है और विभागीय जांच की जा रही है।

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