Sumaiya Rana Scathing Attack On The Government : मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा की बेटी और समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज के दौर में संविधान की दुहाई देने वाले लोग खुद इसे ताक पर रखे हुए हैं। सुमैया राणा ने देश में बढ़ती फिरकापरस्ती और सांप्रदायिक नफरत पर चिंता जताते हुए कहा कि सत्ता हासिल करने या बनाए रखने के लिए लोग कितने निचले स्तर पर उतर सकते हैं, यह आज साफ नजर आ रहा है। यह बयान उन्होंने हरदोई जिले के शाहाबाद कस्बे में समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष के घर पर दिए, जहां वे एक निजी कार्यक्रम में पहुंची थीं।
सुमैया राणा ने अपने बयान में मौजूदा राजनीतिक माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आज हर समय संविधान की बात करने वाले संविधान को ताक पर रखे हुए हैं। हम ऐसी फिजा में रह रहे हैं जहां सबसे ज्यादा फिरकापरस्ती और सांप्रदायिकता की नफरत सर उठा रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो रहा है, क्योंकि राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने की कोशिशें की जा रही हैं। सुमैया ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बने रहने या सत्ता पाने के चक्कर में कुछ लोग नैतिकता की सारी हदें पार कर रहे हैं, और इसका उदाहरण आज हर तरफ देखा जा सकता है।

बातचीत के दौरान सुमैया राणा ने विशेष रूप से कैराना से सांसद इकरा हसन को लेकर हो रही बयानबाजी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “यह देश वह है जहां बेटियों को देवी का रूप माना जाता है। लेकिन जिस तरह सांसद इकरा हसन पर बयानबाजी हो रही है, वह निंदनीय है। कोर्ट, सरकार और राष्ट्रपति को इस पर संज्ञान लेकर कड़ा कानून बनाना चाहिए।” सुमैया ने जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां न केवल व्यक्तिगत हमला हैं, बल्कि पूरे समाज की गरिमा पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी महिला नेता या सार्वजनिक व्यक्ति ऐसी बदजुबानी का शिकार न बने।
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सुमैया राणा अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखती रही हैं। इस बार वे हरदोई के शाहाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष के आवास पर पहुंची थीं, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने देश की मौजूदा स्थिति पर खुलकर बात की और विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की। सुमैया राणा के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और विपक्षी नेता इसे सरकार की नीतियों की आलोचना के रूप में देख रहे हैं।
मुनव्वर राणा की बेटी होने के नाते सुमैया राणा की आवाज साहित्यिक और राजनीतिक दोनों दुनिया में गूंजती है। उनके पिता मुनव्वर राणा उर्दू साहित्य के बड़े नाम थे, जिनकी शायरी सामाजिक न्याय और इंसानियत के मुद्दों पर केंद्रित रही। सुमैया भी उसी परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं, और उनके बयान अक्सर सुर्खियां बनते हैं। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है, जबकि सत्ताधारी दल की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आगे देखना होगा कि यह बयान राजनीतिक बहस को किस दिशा में ले जाता है।