Fireworks Vendors Stage protest : दिवाली के त्योहार के बीच उन्नाव जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस पर गुंडागर्दी और जबरन वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय आतिशबाजी दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि सादी वर्दी में पहुंचे एक सिपाही ने उनसे पैसे की मांग की और विरोध करने पर गाली-गलौज व धमकी दी। इस घटना से आक्रोशित दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और एसपी आवास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। मामला अब्बासपुर इलाके का बताया जा रहा है, जहां दर्जनों दुकानदार प्रभावित हुए हैं।
घटना की शुरुआत गुरुवार शाम को हुई, जब सदर कोतवाली के सिपाही राजेश सिंह कथित तौर पर सादी वर्दी में अब्बासपुर बाजार पहुंचे। दुकानदारों के अनुसार, सिपाही ने खुद को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का सदस्य बताकर धमकाया और दिवाली के मौके पर प्रत्येक दुकान से 50 रुपये की मांग की। एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “वे बोले कि अगर पैसे नहीं दिए तो दुकानें सील कर देंगे और लाइसेंस रद्द करवा देंगे। जब हमने विरोध किया तो गाली-गलौज शुरू कर दी और जान से मारने की धमकी दी।” दुकानदारों का आरोप है कि यह कोतवाली की ‘प्राइवेट पुलिस’ का काम है, जो त्योहारों के मौके पर ऐसी वसूली करती रहती है।

दिवाली के त्योहार पर आतिशबाजी की दुकानें लगाने वाले व्यापारियों के लिए यह मौसम कमाई का प्रमुख समय होता है, लेकिन पुलिस की इस कथित गुंडागर्दी से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। आरोप है कि सिपाही राजेश सिंह ने न केवल पैसे मांगे, बल्कि दुकानदारों को एसओजी पुलिस का हवाला देकर डराया-धमकाया। एक अन्य दुकानदार ने कहा, “हम गरीब व्यापारी हैं, त्योहार पर थोड़ी-बहुत कमाई होती है, लेकिन पुलिस वाले हर साल ऐसी हरकतें करते हैं। इस बार तो हद हो गई।”
घटना की जानकारी मिलते ही दर्जनों दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे नारे लगाते हुए सदर कोतवाली से सीधे एसपी आवास पहुंचे और मामले की जांच की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने एसपी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें सिपाही राजेश सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “हमने एसपी साहब से कहा कि अगर ऐसी गुंडागर्दी नहीं रुकी तो हम पूरे बाजार को बंद रखेंगे और उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगे।”
उन्नाव के एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। एसपी कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, “शिकायत मिली है और हम इसकी जांच कर रहे हैं। अगर आरोप सिद्ध हुए तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का काम जनता की सुरक्षा है, न कि उन्हें परेशान करना।” हालांकि, सिपाही राजेश सिंह की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह घटना उन्नाव में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान ऐसी वसूली की शिकायतें आम हैं, लेकिन इस बार दुकानदारों ने खुलकर विरोध किया है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और सरकार से पुलिस सुधार की मांग की है। मामले की जांच जारी है और आगे की अपडेट्स का इंतजार है।