Awadh Ram Was Attacked By Goons : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जातिगत तनाव और धार्मिक आस्थाओं को लेकर हिंसा का एक नया मामला सामने आया है। भदोखर थाना क्षेत्र के बेला खारा गांव में दबंगों ने एक युवक अवध राम गौतम पर इसलिए बेरहमी से हमला किया क्योंकि वह बाबा भीमराव अंबेडकर में गहरी आस्था रखते थे। हमलावरों ने युवक को जमकर पीटा और पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह घटना आज सुबह करीब 10 बजे सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई है।
घटना का पूरा विवरण

जानकारी के अनुसार, बेला खारा गांव के निवासी अवध राम गौतम (उम्र लगभग 25-30 वर्ष) लंबे समय से डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। वे गांव में अंबेडकर की मूर्ति की पूजा करते हैं और दलित समुदाय के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करते रहते हैं। आज रविवार को गांव में कुछ स्थानीय दबंगों के साथ उनकी बहस हो गई, जब अवध राम ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर अपनी आस्था व्यक्त की। हमलावरों ने उनसे सवाल किया कि “तुम भगवान को क्यों नहीं मानते? अंबेडकर को भगवान मानना बंद करो, वरना परिणाम भुगतना पड़ेगा।”
अवध राम ने स्पष्ट किया कि वे किसी धर्म या देवी-देवता का अपमान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं किसी का विरोध नहीं कर रहा, बस अपनी आस्था पर चल रहा हूं।” लेकिन दबंगों ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया। कुछ लोगों ने उकसावे की हवा देकर मामले को भड़का दिया, जिसके बाद 4-5 दबंगों ने अवध राम को घेर लिया। उन्होंने लाठियों और मुक्कों से युवक को पीटना शुरू कर दिया। हमलावरों ने न केवल अवध को जमीन पर पटक दिया, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दबंग चिल्ला रहे हैं, “अंबेडकर को छोड़ो, भगवान को मानो!” अवध राम चोटिल होकर भी अपनी आस्था पर अडिग रहे, लेकिन हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से मारा।
घटना के बाद अवध राम को स्थानीय लोगों ने बचाया और उन्हें नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत गंभीर है, लेकिन जान का खतरा नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और नफरत का प्रसार
वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर तेजी से वायरल हो गया है। इसमें हमलावरों का चेहरा साफ नजर आ रहा है, जो उनकी पहचान आसान बना सकता है। वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो गुट बन गए। एक तरफ अंबेडकरवादी संगठन और दलित समुदाय के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे धार्मिक विवाद बता रहे हैं। कई यूजर्स ने टिप्पणी की कि “यह जातिवाद और धर्मवाद का खुला प्रदर्शन है। ऐसे वीडियो नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।”
सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत को रोकने के लिए नेटिजन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि वीडियो अपलोड करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। एक प्रमुख कार्यकर्ता ने कहा, “यह वीडियो न केवल पीड़ित का अपमान है, बल्कि पूरे समाज में विभाजन पैदा कर रहा है। सरकार को ऐसे तत्वों पर लगाम लगानी चाहिए।”
रायबरेली में लगातार हो रही जातिगत हिंसा
रायबरेली जिला लंबे समय से जाति और धर्म आधारित संघर्ष का शिकार रहा है। हाल ही में अक्टूबर 2025 में ऊंचाहार क्षेत्र में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसे चोर समझकर भीड़ ने अंजाम दिया था। उस घटना में पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगा था। इसी तरह, सलोन थाना क्षेत्र में एक दलित व्यक्ति को गाड़ी चलाने की शिकायत करने पर दबंगों ने पीटा था। इन घटनाओं से साफ जाहिर है कि जिले में सामाजिक सद्भाव की कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंबेडकर जैसे महापुरुषों की आस्था को लेकर हो रहे विवाद दलित समुदाय को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रामू पासवान ने बताया, “रायबरेली में अंबेडकर जयंती या संविधान दिवस पर हमेशा तनाव होता है। दबंग तत्व दलितों की प्रगति से असहज हैं। सरकार को ऐसे मामलों में तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने चाहिए।”
पुलिस की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही भदोखर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ने बताया, “हमें वीडियो मिला है, जिसे हमने संज्ञान में ले लिया है। पीड़ित की शिकायत पर आरोपी दबंगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वीडियो के आधार पर उनकी पहचान कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले में शांति बनाए रखने के लिए फोर्स तैनात है।” पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की निगरानी के लिए साइबर सेल को भी अलर्ट कर दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. यशवीर सिंह ने कहा, “जातिवाद या धार्मिक विवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। हम पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करेंगे।”
सामाजिक प्रतिक्रिया और मांगें
घटना के बाद अंबेडकरवादी संगठनों ने गांव में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के स्थानीय नेता ने कहा, “यह दलितों पर हमला है। हम न्याय के लिए सड़कों पर उतरेंगे।” सोशल मीडिया पर JusticeForAwadhRam ट्रेंड कर रहा है, जिसमें हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं।
यह घटना पूरे उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव पर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा और जागरूकता अभियानों से ही ऐसी हिंसा रोकी जा सकती है। फिलहाल, पीड़ित अवध राम के स्वास्थ्य पर सभी की नजरें टिकी हैं, और उम्मीद है कि न्याय जल्द मिलेगा।










