Bahraich Boat Accident : कौड़ियाला नदी में पलटी नाव, 15 से अधिक लापता

Bahraich Boat Accident : सीएम योगी ने लिया संज्ञान, एसडीआरएफ-एनडीआरएफ तैनात, बचाव कार्य तेज

Bahraich Boat Accident : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बुधवार शाम एक दर्दनाक नाव दुर्घटना ने पूरे इलाके को सन्नाटे में डुबो दिया। सुजौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के ट्रांस-गेरुआ जंगल में स्थित भारत के अंतिम गांव भरथपुट (या भरथापुर) के पास कौड़ियाला नदी में एक यात्री नाव पलट गई। नाव में सवार 20 से 25 लोगों में से करीब 15 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि चार लोगों को स्थानीय लोगों और प्रशासन की तत्काल मदद से सुरक्षित बचा लिया गया। अब तक एक शव बरामद हो चुका है, और बचाव अभियान में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें जुट गई हैं।

घटना का विवरण: कैसे हुई यह त्रासदी?

घटना बुधवार शाम करीब 5 बजे के आसपास की बताई जा रही है, जब भरथपुट गांव के निवासी नदी पार करने के लिए एक छोटी मोटराइज्ड नाव पर सवार हुए। यह गांव दुर्गम इलाके में स्थित है, जहां नदी ही मुख्य यातायात का साधन है। स्थानीय लोगों के अनुसार, नाव में परिवार के सदस्य, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जो बाजार या रिश्तेदारों से मिलने के लिए नदी पार कर रहे थे। अचानक तेज बहाव और संभवतः नाव की तकनीकी खराबी के कारण नाव अनियंत्रित हो गई और पलट गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नाव पलटते ही चीख-पुकार मच गई। नदी का जलस्तर मानसून के बाद अभी भी ऊंचा होने से बचाव कार्य में कठिनाई हो रही है। चार लोग तैरकर या सहायता से किनारे पर पहुंचे, लेकिन बाकी सवारों का अभी तक पता नहीं चल सका। लापता लोगों में मुख्य रूप से गांव के ही निवासी शामिल हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी हैं। प्रशासन ने लापता लोगों की सूची तैयार कर ली है, और उनके परिजनों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

सीएम योगी का त्वरित संज्ञान: राहत और बचाव के सख्त निर्देश

इस हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को सख्त निर्देश जारी किए कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को बिना विलंब दुर्घटना स्थल पर पहुंचाया जाए। सीएम ने कहा, “तत्काल राहत कार्य को सुचारू रूप से कराना सुनिश्चित करें। कोई भी कोर-कसर न बरती जाए। लापता लोगों की तलाश में ड्रोन, हेलीकॉप्टर और गोताखोरों का सहारा लिया जाए।”

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योगी सरकार ने पहले भी ऐसी दुर्घटनाओं में त्वरित कार्रवाई का परिचय दिया है, और इस बार भी बचाव कार्य को प्राथमिकता दी गई है। बहराइच के जिलाधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण शुरू हो गया है, और स्थानीय वन विभाग की मदद से जंगल इलाके में पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।

प्रशासन का तत्पर प्रयास: बचाव कार्य में जुटी टीमें

स्थानीय प्रशासन ने घटना के तुरंत बाद मोर्चा संभाल लिया। सुजौली थाने की पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन टीम और वन रेंजरों ने मिलकर शुरुआती बचाव कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ की दो टीमें लखनऊ और बहराइच से रवाना हो चुकी हैं, जबकि एनडीआरएफ की एक टुकड़ी गोरखपुर से बुलाई गई है। गोताखोरों को नदी के गहरे हिस्सों में तलाशी के लिए तैनात किया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट ने बताया, “हम 24 घंटे के अंदर सभी लापता लोगों की स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। नाव मालिक और चालक से पूछताछ की जा रही है, ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके।” स्थानीय ग्रामीणों ने भी हाथ बंटाया है, और वे नाव के मलबे को खोजने में मदद कर रहे हैं। फिलहाल, दुर्घटना स्थल पर अस्थायी राहत शिविर स्थापित कर दिया गया है, जहां चाय-पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

पृष्ठभूमि : दुर्गम इलाके की समस्या

भरथपुट गांव भारत-नेपाल सीमा के निकट दुर्गम जंगल इलाके में बसा है, जहां सड़क संपर्क सीमित है। यहां के निवासी नदी पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन नावों की सुरक्षा जांच अक्सर लापरवाही का शिकार होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि तेज बहाव और पुरानी नावें ऐसी दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं। पिछले वर्षों में भी इस इलाके में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके बाद प्रशासन ने नावों पर सख्ती का वादा किया था।

आगे की चुनौतियां और अपेक्षाएं

बचाव कार्य रात्रि में भी जारी है, लेकिन अंधेरा और जंगल का घना इलाका चुनौती पेश कर रहा है। सुबह होते ही हवाई सहायता बढ़ाई जाएगी। पीड़ित परिवारों में शोक की लहर है, और वे प्रशासन से त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है और सरकार से पारदर्शी जांच की मांग की है।

यह घटना एक बार फिर जल सुरक्षा और दुर्गम इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करती है। योगी सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया से उम्मीद है कि लापता लोगों को जल्द बचा लिया जाएगा। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।

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