Fatehpur : फतेहपुर में 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया कंप्यूटर ऑपरेटर, विजिलेंस टीम की सख्त कार्रवाई से सरकारी दफ्तरों में हड़कंप

Fatehpur : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए विजिलेंस टीम ने बाल विकास परियोजना कार्यालय खजुहा में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर पुष्पेंद्र सिंह को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें आरोपी पर सरकारी योजनाओं से जुड़े दस्तावेजों को अपडेट करने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप था। इस घटना ने स्थानीय सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मचा दिया है, और अधिकारियों ने इसे भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।

घटना का पूरा विवरण

जानकारी के अनुसार, फतेहपुर जिले के खजुहा क्षेत्र में स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय (ICDS) में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात पुष्पेंद्र सिंह पर एक लाभार्थी महिला ने रिश्वत की मांग की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता, जो एक गरीब परिवार से संबंधित थीं, शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़ी पोषण योजना के लाभ के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा किए थे। लेकिन आरोपी पुष्पेंद्र सिंह ने फाइल को आगे बढ़ाने और लाभ स्वीकृत करने के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

विजिलेंस टीम प्रयागराज ने शिकायत की गहन जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद टीम ने एक ट्रैप की योजना बनाई। आज सुबह करीब 11 बजे, जब आरोपी पुष्पेंद्र सिंह कार्यालय में शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि ले ही रहे थे, तभी छिपे हुए विजिलेंस अधिकारीयों ने दबिश देकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई, और आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

विजिलेंस टीम की भूमिका और कार्रवाई

विजिलेंस टीम के नेतृत्व में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसमें स्थानीय इकाई के अधिकारी भी शामिल थे। टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। प्रारंभिक पूछताछ में पुष्पेंद्र सिंह ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसमें पिछले कुछ महीनों में फतेहपुर जिले में कई अन्य मामलों में भी छापेमारी की गई है।

बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुष्पेंद्र सिंह को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की गई है, और विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इस घटना से कार्यालय में तैनात अन्य कर्मचारियों में खलबली मच गई है, और कई लोग अपनी कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।

जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता बढ़ी

फतेहपुर जिला प्रशासन ने हाल के दिनों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मार्च 2025 में बिजली विभाग (UPPCL) के एक क्लर्क अजीत सिंह को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद, और इससे पहले SDO अंशुल शर्मा को 15 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इन घटनाओं ने स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाई है, और अब आम नागरिक शिकायत दर्ज कराने में हिचकिचा नहीं रहे।

जिला मजिस्ट्रेट ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “भ्रष्टाचार हमारे विकास की सबसे बड़ी बाधा है। विजिलेंस टीम की यह सफलता सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए चेतावनी है। हम पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल निगरानी और जन जागरूकता अभियान चलाएंगे।”

आगे की जांच और संभावित प्रभाव

पुलिस और विजिलेंस टीम अब आरोपी के अन्य संभावित साथियों की तलाश कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पुष्पेंद्र सिंह ने पिछले कुछ महीनों में कई लाभार्थियों से इसी तरह रिश्वत वसूली थी। यदि अन्य नाम सामने आते हैं, तो कार्रवाई और सख्त होगी। यह घटना न केवल बाल विकास विभाग बल्कि पूरे जिले के सरकारी तंत्र को झकझोर रही है, जहां गरीबों और जरूरतमंदों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चुनौती बन गया है।

स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। एक लाभार्थी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अब हमें डर नहीं लगेगा। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए।”

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