Elders Committee Meeting After Attack On Advocate : अधिवक्ता पर प्राणघातक हमले के बाद एल्डर्स कमेटी की बैठक, सुरक्षा व्यवस्था पर व्यक्त किए गंभीर चिंता

Elders Committee Meeting After Attack On Advocate : जनपद न्यायालय परिसर में बीते 6 अक्टूबर को हुई एक प्राणघातक घटना ने न केवल अधिवक्ता समुदाय को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे कलेक्ट्रेट क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए। इस घटना में एक अधिवक्ता समेत कई लोग घायल हुए, जिसके बाद आज मंगलवार को एल्डर्स कमेटी की बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने की, जिसमें अधिवक्ताओं पर लगातार हो रही ऐसी घटनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक के अंत में अध्यक्ष श्रीवास्तव ने एक प्रेस बयान जारी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

घटना का पूरा विवरण: कोर्ट परिसर में खौफनाक हमला

घटना 6 अक्टूबर 2025 को शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत जनपद न्यायालय परिसर में घटी। अमेठी जनपद के जायस कस्बे के पूरे कुमेदान का पुरवा गांव निवासी एक महिला अपने पति मिथुन के साथ लंबे समय से पारिवारिक विवाद का सामना कर रही थी। तलाक और पारिवारिक मामलों को लेकर कोर्ट में चल रही कार्यवाही के सिलसिले में महिला अपने अधिवक्ता से मिलने रायबरेली कोर्ट पहुंची थी। तभी पीछे से पहुंचा उसका पति मिथुन गंडासे से लैस होकर अचानक हमला कर बैठा।

आरोपी मिथुन ने महिला पर ताबड़तोड़ प्रहार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई और खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़ी। चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे अधिवक्ताओं ने महिला को बचाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान एक अधिवक्ता भी हमले में घायल हो गया। पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें हमले की भयावहता साफ झलक रही है। अधिवक्ताओं ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपी मिथुन को मौके पर ही दबोच लिया और शहर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया।

घायल महिला को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उच्च चिकित्सा इकाई में रेफर कर दिया। घायल अधिवक्ता को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (मारपीट) और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एल्डर्स कमेटी की बैठक: चिंता और प्रस्ताव

आज 28 अक्टूबर 2025 को सुबह करीब 11:00 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित महाराणा प्रताप हाल में एल्डर्स कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने की, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता, एल्डर्स कमेटी के सदस्य और अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य कोर्ट परिसर में हुई इस घटना का विश्लेषण करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाना था।

बैठक में चर्चा का केंद्र बिंदु रहा कि कोर्ट जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा की कितनी कमी है। प्रतिभागियों ने कहा कि अधिवक्ता न केवल न्याय की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बनते हैं। ऐसे में उन पर हमले लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। एल्डर्स कमेटी ने निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए:

  • सुरक्षा मजबूत करने की मांग : कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, फ्रिस्किंग की सख्ती और प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग।
  • तत्काल कार्रवाई : आरोपी मिथुन के खिलाफ फास्ट ट्रैक ट्रायल और कड़ी सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव।
  • नीति स्तर पर बदलाव : जिला प्रशासन से अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करने की अपील।
  • जागरूकता अभियान : अधिवक्ता समुदाय के बीच सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय।

बैठक में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद ने कहा, “यह घटना केवल एक हमला नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। हमें अब चुप नहीं रहना चाहिए।” वहीं, एक अन्य सदस्य ने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जो अधिवक्ताओं के मनोबल को तोड़ रही हैं।

अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव का बयान: “न्याय के रखवालों पर हमला बर्दाश्त नहीं”

बैठक के समापन पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। उन्होंने कहा, “रायबरेली जनपद न्यायालय में हुई यह घटना बेहद दर्दनाक और शर्मनाक है। एक महिला न्याय की तलाश में आई थी, लेकिन उसे मौत के घाट उतारने की कोशिश की गई। हमारे अधिवक्ता भाइयों ने जान जोखिम में डालकर उसे बचाया, लेकिन वे खुद घायल हो गए। यह हमला न केवल पीड़ित परिवार पर, बल्कि पूरे अधिवक्ता वर्ग पर है। हम जिला प्रशासन और पुलिस महकमे से मांग करते हैं कि दोषी को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए। साथ ही, कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल मजबूत किया जाए। यदि ऐसी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बार एसोसिएशन को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।”

श्रीवास्तव ने आगे कहा, “अधिवक्ता समाज के स्तंभ हैं। उनके सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। हम इस मुद्दे को हाईकोर्ट स्तर तक ले जाने के लिए तैयार हैं।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और कई अधिवक्ता संगठनों ने समर्थन जताया है।

प्रतिक्रियाएं और आगे की राह

इस घटना के बाद रायबरेली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने का आश्वासन दिया है। एसपी रायबरेली ने बताया कि कोर्ट परिसर में अतिरिक्त फोर्स तैनात की जा रही है और जांच तेज है। जिला मजिस्ट्रेट ने भी बैठक के प्रस्तावों पर विचार करने का भरोसा दिलाया।

वहीं, सोशल मीडिया पर SaveAdvocates और RaebareliCourtAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। अधिवक्ता समुदाय ने एकजुट होकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं न्यायपालिका की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं, इसलिए त्वरित कदम जरूरी हैं।

रायबरेली बार एसोसिएशन ने सभी अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें, लेकिन अपनी मांगों के लिए एकजुट रहें। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर बहस छेड़ रही है। आगे की अपडेट्स के लिए बने रहें।

Other Latest News

Leave a Comment