Raebareli News : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला अस्पताल में लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं। चंदापुर थाना क्षेत्र के मऊगर्वी गांव के निवासी युवक शुभम ने 19 अक्टूबर को जहर खा लिया था। 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए शुभम का इलाज 10 दिनों तक चला, लेकिन 29 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को मौत की सूचना नहीं दी। युवक की मौत के बाद ही परिजनों को इसकी जानकारी मिली। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर प्रशासन पर लापरवाही, सूचना न देने और शव रखने के नाम पर 200 रुपये की वसूली का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को शिकायती पत्र देकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
घटना की पूरी समयरेखा: जहर से मौत तक अस्पताल की चुप्पी

घटना 19 अक्टूबर की है, जब चंदापुर थाना क्षेत्र के मऊगर्वी गांव के रहने वाले युवक शुभम ने अज्ञात कारणों से जहर खा लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, शुभम की उम्र करीब 20-25 वर्ष बताई जा रही है। जहर खाने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया। एम्बुलेंस स्टाफ ने शुभम को प्राथमिक उपचार देकर सीधे रायबरेली जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कर लिया गया। डॉक्टरों ने शुरुआती इलाज शुरू किया, लेकिन शुभम की हालत गंभीर बनी रही।
अस्पताल रिकॉर्ड के मुताबिक, शुभम को 19 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक पूरे 10 दिनों तक विभिन्न वार्डों में रखा गया। इस दौरान उन्हें जहर के प्रभाव से निपटने के लिए एंटीडोट, फ्लूइड थेरेपी और मॉनिटरिंग दी गई। हालांकि, परिजनों का दावा है कि इलाज में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। “युवक को दर्द से तड़पते देखा, लेकिन डॉक्टरों ने ठीक से जांच नहीं की,” एक परिजन ने बताया। 29 अक्टूबर को इलाज के दौरान शुभम की सांसें थम गईं। अस्पताल के चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि की, लेकिन परिजनों को कोई सूचना नहीं दी गई।
परिजनों की जानकारी: अस्पताल पहुंचे तो मिला झटका
मृतक शुभम के परिजन गांव में ही थे और उन्हें अस्पताल से कोई कॉल या मैसेज नहीं आया। मौत के कई घंटे बाद स्थानीय लोगों के माध्यम से जानकारी मिली। परिजन तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम हाउस में शव रखा मिला। यहां परिजनों को एक और झटका लगा—शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखने के नाम पर अस्पताल कर्मचारियों ने 200 रुपये वसूल लिए। “हम दुखी थे, लेकिन पैसे मांगे गए। नाम-पता सब पता था, फिर सूचना क्यों नहीं दी?” परिजनों ने सवाल उठाया।
गुस्साए परिवार वालों ने अस्पताल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि शुभम का नाम, पता और संपर्क नंबर एडमिट करने के समय ही दर्ज था। “अगर इतने दिनों से इलाज चल रहा था, तो एक फोन कॉल क्यों नहीं किया? क्या यही है सरकारी अस्पताल की जिम्मेदारी?” एक महिला परिजन ने आंसू पोछते हुए कहा। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर भी लापरवाही का आरोप लगाया, दावा किया कि नियमित चेकअप और दवाओं में देरी हुई।
सीएमओ को शिकायत: कार्रवाई की मांग तेज
पीड़ित परिवार ने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश को शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में विस्तार से पूरी घटना का जिक्र करते हुए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, सूचना न देने और अनुचित वसूली का उल्लेख किया गया है। “हम न्याय चाहते हैं। दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई परिवार ऐसी त्रासदी न झेले,” पत्र में लिखा है। सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जिला अस्पताल पर बढ़ते सवाल: पिछली घटनाओं का साया
यह पहला मामला नहीं है जब रायबरेली जिला अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। हाल ही में मौसम बदलने से बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल में कई भर्तियां हुईं, लेकिन सुविधाओं की कमी की शिकायतें सामने आईं। एक अन्य घटना में विषाक्त भोजन से बीमार लोगों को रेफर करने में देरी हुई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल में स्टाफ की कमी, दवाओं का अभाव और सूचना प्रणाली की खामियां आम हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासनिक स्तर पर क्या होगा कदम?
जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि 48 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपी जाए। साथ ही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो जहर की मात्रा और इलाज की प्रक्रिया पर रोशनी डालेगी। चंदापुर थाने में भी परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
यह घटना न केवल एक परिवार के दर्द को उजागर करती है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों पर भी सवाल उठाती है। क्या जिला अस्पताल में पारदर्शिता और मानवीय संवेदना सुनिश्चित होगी? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।










