Mathura : यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई उस भयावह सड़क दुर्घटना के दूसरे दिन, जिसमें 13 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, आज पुलिस प्रशासन और संबंधित विभागों की टीमों ने घटना स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया। इस भीषण हादसे के कारणों की तह तक जाने के लिए प्रशासन ने तकनीक और विशेषज्ञों का सहारा लिया है।
बहु-विभागीय जांच टीम मौके पर

बुधवार सुबह एडीएम प्रशासन अंबरीश कुमार और एसपी देहात सुरेश चंद्र रावत के नेतृत्व में भारी पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंचा। उनके साथ यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी, रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट और एक प्राइवेट फॉरेंसिक जांच एजेंसी के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने सड़क की बनावट
डिवाइडर की स्थिति और गाड़ियों के टकराने के कोण (Angle) का बारीकी से अध्ययन किया। जांच एजेंसी की टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हादसा किसी तकनीकी खराबी, मानवीय चूक या फिर खराब मौसम और कोहरे के कारण हुआ था।
13 मौतें और 40 से अधिक घायलों का संघर्ष
हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस दुर्घटना में अब तक 13 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, विभिन्न अस्पतालों में 40 से अधिक घायलों का उपचार अब भी जारी है। कई मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है, जिसके चलते प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार नजर बनाए हुए है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
मीडिया से बात करते हुए एडीएम प्रशासन अंबरीश कुमार ने बताया, “हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं। रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट यह देख रहा है कि क्या वहां सुरक्षा मानकों में कोई कमी थी। प्राइवेट एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।”
एसपी देहात सुरेश चंद्र रावत ने कहा कि क्षतिग्रस्त वाहनों के अवशेषों की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि आग लगने का मुख्य स्रोत क्या था। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया है।










