Miraculous Acupuncture Healing in Gomia : बोकारो जिले के गोमिया ब्लॉक में स्थित स्वांग गांव का साई सेवा केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां आने वाले मरीजों को एक्यूपंक्चर थेरेपी से ऐसा इलाज मिल रहा है कि लोग इसे चमत्कार कहने लगे हैं। केंद्र के डॉक्टर सजल राज ने कई लाइलाज मरीजों को ठीक किया है। वे खुद राष्ट्रीय स्तर के ‘चिकित्सा रत्न’ और अंतर्राष्ट्रीय ‘स्टार सिल्वर’ सम्मान से सम्मानित हैं। उनकी मेहनत और सेवा भावना से केंद्र में हर दिन नई उम्मीद की किरण जग रही है।
हेमलाल महतो की कहानी: पेड़ से गिरकर टूटी रीढ़ की हड्डी, अब खुद चलकर आते हैं इलाज के लिए

स्वांग गांव के पास के एक मरीज हेमलाल महतो की जिंदगी कुछ समय पहले तक बहुत मुश्किल हो गई थी। वे पेड़ से गिर गए थे, जिससे उनकी स्पाइन की हड्डी पूरी तरह टूट गई। इसके बाद वे चलना-फिरना तो दूर, उठने-बैठने तक में लाचार हो गए थे। परिवार वाले उन्हें कई बड़े अस्पतालों में ले गए। वहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, लेकिन फिर भी कहा कि वे कभी ठीक नहीं हो पाएंगे। खड़ा होना या चलना उनके लिए नामुमकिन बताया गया। हेमलाल और उनका परिवार बहुत निराश हो चुका था।
फिर किसी ने उन्हें साई सेवा केंद्र स्वांग गोमिया के बारे में बताया। वे यहां इलाज के लिए आए। डॉक्टर सजल राज ने उन्हें एक्यूपंक्चर थेरेपी शुरू की। यह एक प्राचीन चीनी इलाज की विधि है, जिसमें शरीर के खास पॉइंट्स पर सुई लगाकर दर्द और बीमारी को ठीक किया जाता है। शुरुआत में हेमलाल को कोई खास फर्क नहीं लगा, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव आने लगा। आज लगभग दो महीने के इलाज के बाद हेमलाल खुद चलकर केंद्र आते हैं। वे बिना किसी की मदद के चलते-फिरते हैं। यह देखकर गांव वाले और अन्य मरीज हैरान हैं। जहां बड़े अस्पताल असफल हो गए, वहां डॉक्टर सजल राज की थेरेपी ने चमत्कार कर दिखाया। हेमलाल कहते हैं, “मुझे नई जिंदगी मिल गई है। डॉक्टर साहब और साई बाबा की कृपा से मैं फिर से सामान्य जीवन जी रहा हूं।”
21 साल की मैरिज को मिली सुनने की शक्ति: जन्म से बहरा था कान

केंद्र में एक और चौंकाने वाली कहानी है 21 साल की मैरिज की। मैरिज जन्म से ही दोनों कानों से नहीं सुनती थी। वे बहरी थीं और बोल भी नहीं पाती थीं। परिवार ने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टरों ने कहा कि यह जन्मजात समस्या है, ठीक होना मुश्किल है। मैरिज की जिंदगी बहुत कष्टपूर्ण थी। वे दुनिया की आवाजों से दूर थीं।
फिर वे साई सेवा केंद्र पहुंचीं। डॉक्टर सजल राज ने उनका इलाज शुरू किया। एक्यूपंक्चर थेरेपी से उनके कान के पॉइंट्स पर काम किया गया। सिर्फ 22 दिनों के इलाज के बाद मैरिज को सुनाई देने लगा। अब वे सामान्य तरीके से बातें सुन और समझ सकती हैं। यह बदलाव देखकर उनका परिवार खुशी से झूम उठा। मैरिज की मां कहती हैं, “यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। इतने सालों बाद मेरी बेटी को आवाजें सुनाई दे रही हैं। डॉक्टर साहब ने जो किया, वह भगवान का काम है।”
केंद्र की संचालिका रेखा रानी का सेवा भाव: तन्मयता से करते हैं मरीजों की देखभाल
इस सफलता का सबसे बड़ा कारण साई सेवा केंद्र की संचालिका रेखा रानी हैं, उन्होंने बताया कि सभी लोग केंद्र में पूरे मन से मरीजों की सेवा करते हैं, “हम यहां साई बाबा की सेवा के रूप में मरीजों को देखते हैं। तन्मयता और समर्पण से इलाज करते हैं, इसलिए सभी को चमत्कारिक लाभ मिल रहा है।” रेखा रानी खुद दिन-रात केंद्र में रहकर मरीजों की देखभाल करती हैं। उनका कहना है कि एक्यूपंक्चर थेरेपी एक वैज्ञानिक विधि है, लेकिन जब इसे सेवा भाव से किया जाए तो परिणाम अद्भुत होते हैं।
केंद्र में सिर्फ ये दो मामले ही नहीं, बल्कि कई अन्य मरीज भी ठीक हो चुके हैं। जो लोग लंबे समय से दर्द, लकवा, जोड़ों की समस्या या अन्य बीमारियों से परेशान थे, वे यहां राहत पा रहे हैं। डॉक्टर सजल राज की विशेषज्ञता और सम्मानों ने केंद्र को और विश्वसनीय बनाया है। वे कहते हैं, “मेरा उद्देश्य सिर्फ गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना है। साई बाबा की कृपा से यह सब संभव हो रहा है।”
एक्यूपंक्चर थेरेपी क्या है और कैसे करती है काम?

एक्यूपंक्चर एक पुरानी इलाज की विधि है जो चीन से आई है। इसमें शरीर में ऊर्जा के रास्तों (मेरिडियन) को संतुलित किया जाता है। पतली सुईयों से खास पॉइंट्स पर दबाव डाला जाता है, जिससे दर्द कम होता है, नसें मजबूत होती हैं और शरीर खुद को ठीक करने लगता है। स्पाइन इंजरी, बहरापन, जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं में यह बहुत प्रभावी साबित हुई है। डॉक्टर सजल राज ने इस विधि में महारत हासिल की है और इसे भारतीय परिवेश में इस्तेमाल कर रहे हैं।
गोमिया जैसे ग्रामीण इलाके में ऐसा केंद्र होना लोगों के लिए बड़ा वरदान है। जहां बड़े शहरों के अस्पताल महंगे और दूर हैं, वहां साई सेवा केंद्र मुफ्त या कम खर्च में इलाज दे रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या बताती है कि लोग यहां विश्वास करने लगे हैं। हेमलाल और मैरिज जैसे मामले दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।










