Negligence Of Electricity Department : बिजली विभाग की लापरवाही; पेड़ों व बांसों से बंधे बिजली के तार, ग्रामीणों की जिंदगी पर मंडरा रहा खतरा!

Negligence Of Electricity Department : रायबरेली जनपद में बिजली विभाग की घोर लापरवाही ने एक बार फिर ग्रामीणों की जान पर बनाई हुई है। जिससे उन पर खतरे का संकट मंडरा रहा है। बिजली विभाग सिर्फ वसूली में व्यस्त है।

बताते चलें कि सरेनी थानाक्षेत्र के पूरे रघुराज सिंह का पुरवा गांव में बिजली की आपूर्ति के नाम पर एक ऐसी शर्मनाक स्थिति सामने आई है, जो सरकार की ‘हर गांव में बिजली पहुंचाने’ की दावों पर सवाल खड़े कर रही है। यहां बिजली के खंभों की जगह महुआ के पेड़ों और बांसों का सहारा लिया गया है। जहां हाई वोल्टेज तारों को इन कमजोर संरचनाओं से बांधा हुआ है। यह नजारा न केवल बिजली की अनियमित आपूर्ति का कारण बन रहा है, बल्कि किसी बड़े हादसे का खतरा भी पैदा कर रहा है।

गांव के निवासियों ने बताया कि बिजली विभाग का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। पावर हाउस मलके गांव के अधीन इस क्षेत्र में बिजली के तार महुआ के पेड़ों की डालियों से लटकाए गए हैं, जबकि कुछ जगहों पर बांसों को खंभों की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। तेज हवा या बारिश के दौरान ये तार टूटने या झूलने का खतरा रहता है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हमारे गांव में बिजली तो रोज नहीं आती ही, जब आती भी है तो खराब रहती है। गर्मी के दिनों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सब परेशान रहते हैं। रात को पढ़ाई के लिए लालटेन जलानी पड़ती है, गांव की एक महिला निवासी सुनीता ने दर्द भरी आवाज में बताया।

ग्रामीणों ने खुलासा किया कि यह समस्या पुरानी है। पिछले कई महीनों से वे बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। “अगल-बगल के गांवों जैसे चिंता खेड़ा या तामसगढ़ में तो नए खंभे और तार लगवा दिए गए हैं। लेकिन हमारे गांव को इसलिए नजरअंदाज किया जा रहा है क्योंकि यहां गरीब और मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं। क्या हमारी जिंदगियां सस्ती हैं? गांव के सरपंच प्रतिनिधि राम प्रसाद सिंह ने गुस्से में कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी गांव की दूरी और आर्थिक स्थिति को बहाना बनाकर टालमटोल कर रहे हैं।

ग्रामीण अब आक्रोशित हैं और तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हमें सुरक्षित कंक्रीट के खंभे और मजबूत तार लगवाने हैं। अगर जल्द कुछ नहीं हुआ तो हम उच्च अधिकारियों तक पहुंचेंगे और आंदोलन करेंगे।किसी की जान चली गई तो जिम्मेदारी किसकी होगी? बिजली विभाग के एसडीओ (सब-डिविजनल ऑफिसर) राजेश कुमार ने फोन पर बातचीत में कहा, हमें इस गांव की शिकायत मिली है। हमारी टीम जल्द ही साइट का निरीक्षण करेगी और आवश्यक मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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