Raebareli Drug Department Raid : रायबरेली जिले में अवैध नशीली दवाओं के कारोबार पर शिकंजा कसते हुए डीएम के निर्देश पर औषधि विभाग ने मंगलवार को आखिरकार एक फार्मा एजेंसी पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।
बताते चलें कि मंगलवार को डीएम हर्षिता माथुर के सख्त निर्देश पर आयोजित इस कार्रवाई में,ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने मिल एरिया थाना क्षेत्र के कल्लू के पुरवा के पास स्थित एक फार्मा एजेंसी को सीज कर दिया।छापेमारी के दौरान एजेंसी संचालक मौके से फरार हो गया, जिसके खिलाफ अब आपराधिक मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि एक साल में इस एजेंसी से 1,45,000 बोतल कोडीन युक्त कफ सिरप की आपूर्ति की गई थी, जो ड्रग इंस्पेक्टर की नाक के नीचे धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी। आरोप है कि वसूली की रकम न मिलने पर ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।औषधि विभाग की टीम जब एजेंसी पर पहुंची, तो दुकान का शटर बंद मिला। संदेह के आधार पर टीम ने आसपास के मेडिकल स्टोरों और वितरकों से पूछताछ की, जिसमें भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ। कोडीन युक्त कफ सिरप, जो नारकोटिक्स श्रेणी की दवा है, बिना उचित लाइसेंस और रिकॉर्ड के बड़े पैमाने पर बेची जा रही थी। यह सिरप युवाओं और नाबालिगों के बीच नशे के रूप में लोकप्रिय है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है। जांच में पाया गया कि गुजरात की एक निर्माता फर्म से यह सिरप लाकर स्थानीय स्तर पर वितरित किया जा रहा था।

ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई जिले में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार को रोकने के लिए की गई है। टीम ने एजेंसी पर नोटिस चस्पा कर उसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया। संचालक को समन जारी कर दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया गया है, अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
स्थानीय दवा व्यवसायियों का आरोप है।कि यह कार्रवाई वसूली के इशारे पर की गई। एक व्यवसाई ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, संचालक ने मासिक वसूली की रकम नहीं दी, इसलिए इंस्पेक्टर ने छापा मारा। हालांकि, ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई पूरी तरह नियमों के अनुरूप है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विभाग का उद्देश्य जन स्वास्थ्य की रक्षा करना है, न कि कोई व्यक्तिगत लाभ। जिला प्रशासन ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।