Raebareli : समाजवादी पार्टी से हरचंदपुर विधानसभा के विधायक राहुल लोधी ने विधानसभा की बैठक के दौरान अपने क्षेत्र की गंभीर समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाते हुए प्रदेश सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और ‘जीरो टॉलरेंस’ की बातें तो बहुत की जाती हैं, लेकिन धरातल पर हालात इसके बिल्कुल उलट हैं।
विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए विधायक राहुल लोधी ने कहा कि हरचंदपुर और बछरावां विधानसभा क्षेत्रों में भू-माफियाओं और स्थानीय प्रभावशाली दबंगों का खुला बोलबाला है। गरीब किसानों और असहाय मजदूरों की पुश्तैनी जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। जब पीड़ित अपनी शिकायत लेकर प्रशासन के पास पहुंचते हैं, तो उन्हें न्याय मिलने के बजाय रसूखदारों का दबाव और पुलिस की उदासीनता का सामना करना पड़ता है।

सत्ता और माफिया के गठजोड़ का आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी भले ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती हो, लेकिन हरचंदपुर और बछरावां में यह नारा पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यहां गरीबों को सम्मान तो दूर, उन्हें उनकी ही जमीन से बेदखल कर दिया जा रहा है। प्रभावशाली लोग सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं, जबकि आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
विधानसभा में रखी प्रमुख मांगें
विधायक राहुल लोधी ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखते हुए कहा कि—
निष्पक्ष जांच के लिए हरचंदपुर और बछरावां में पिछले कुछ वर्षों में हुए अवैध जमीनी कब्जों की जांच हेतु एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जाए।
अवैध कब्जों से मुक्ति दिलाते हुए चिन्हित जमीनों को तत्काल भू-माफियाओं के कब्जे से छुड़ाकर वास्तविक मालिकों को सौंपा जाए।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए सत्ता का रसूख दिखाकर गरीबों का हक मारने वाले दबंगों के खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए।
सरकार को चेतावनी
अपने वक्तव्य के अंत में विधायक राहुल लोधी ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि वह गरीबों और किसानों के साथ खड़ी है या फिर उन माफियाओं के साथ, जो जनता का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हरचंदपुर और बछरावां विधानसभा क्षेत्रों में गरीबों को न्याय नहीं मिला, तो यह माना जाएगा कि मौजूदा सरकार गरीबों को सम्मान नहीं, बल्कि उनके विनाश की नीति पर चल रही है।
विधायक के इस तीखे भाषण के बाद सदन में राजनीतिक हलचल तेज हो गई और क्षेत्र की जमीनी समस्याओं पर एक बार फिर बहस छिड़ गई।










