रायबरेली : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रायबरेली (Raebareli) जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के रामगुलाम मजरा, मदुरी में एक सनसनीखेज घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। यहां फौजी सहित छह लोगों पर स्थानीय युवकों पर मारपीट करने और जानलेवा हमला करने का गंभीर आरोप लगा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के कई दिनों बाद भी आरोपी पक्ष के किसी भी सदस्य की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे पीड़ितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
घटना की पूरी कथा: पुरानी रंजिश से भड़का विवाद

जानकारी के अनुसार, यह घटना 8 दिसंबर को दोपहर करीब 2 बजे रामगुलाम मजरा के मदुरी इलाके में घटी। पीड़ित पक्ष के रोहित (25 वर्ष), मोहित (22 वर्ष), दिलीप (28 वर्ष) और पंकज (24 वर्ष) चारों भाई स्थानीय किसान परिवार से हैं। वे मजरे के पास ही एक छोटे से खेत में काम कर रहे थे, तभी आरोपी पक्ष के सदस्यों ने उन पर अचानक हमला बोल दिया। पीड़ितों का आरोप है कि विवाद की शुरुआत एक मामूली सी पुरानी रंजिश से हुई, जो जमीन के बंटवारे को लेकर कुछ महीनों पहले शुरू हुई थी। लेकिन इस बार हमला इतना हिंसक था कि आरोपी लाठियां, डंडे और तेजधार हथियारों से लैस होकर आए थे।
रोहित ने बताया, “हम लोग खेत में काम कर रहे थे। अचानक राजेंद्र, देवेंद्र, भूपेंद्र, धीरेंद्र, शैलेंद्र और श्रीपाल नाम के लोग आ धमके। इनमें से एक फौजी भी था, जो हमेशा हमें धमकाता रहता है। उन्होंने हमें घेर लिया और गाली-गलौज करते हुए लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। हमने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन संख्या में कम होने के कारण भागने के अलावा कोई चारा न था। श्रीपाल ने तो चाकू भी निकाल लिया था, जो जानलेवा हमला करने के इरादे को दर्शाता है।” मारपीट के दौरान रोहित को सिर पर गंभीर चोटें आईं, जबकि मोहित के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। दिलीप और पंकज को भी कई जगहों पर चोटें लगीं, जिनका इलाज स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया।
वायरल वीडियो: सच्चाई का आईना, पुलिस पर सवाल
घटना स्थल पर मौजूद एक ग्रामीण ने मोबाइल से पूरी मारपीट का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी पक्ष के सदस्य पीड़ितों को घेरकर लाठियां बरसा रहे हैं, जबकि पीड़ित भागने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो की लंबाई करीब 45 सेकंड है, जिसमें आरोपी पक्ष के फौजी की वर्दी भी नजर आ रही है, जो घटना को और संवेदनशील बना देती है।
वायरल वीडियो देखने के बाद इलाके के ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन को टैग करते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह वीडियो झूठ नहीं बोलता। आरोपी खुले आम हिंसा कर रहे हैं, फिर भी पुलिस चुप है। क्या फौजी होने का मतलब अपराध की छूट है?”
दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप: क्रॉस केस की आशंका
दूसरी ओर, आरोपी पक्ष ने भी पीड़ितों पर ही उल्टा आरोप लगाया है। भूपेंद्र ने बताया कि रोहित, मोहित, दिलीप, पंकज और उनके एक अन्य साथी राम मोहन ने पहले उन पर हमला किया था। उन्होंने कहा, “ये लोग अज्ञात लोगों के साथ मिलकर हमें घेर लिया और गाली-गलौज करते हुए हमला कर दिया। हमने सिर्फ आत्मरक्षा में हाथ उठाया।” इस बयान से लगता है कि मामले में क्रॉस केस दर्ज हो सकता है, लेकिन पीड़ित पक्ष इसे साजिश बता रहा है।
पुलिस की कार्रवाई: मुकदमा दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी में देरी
पीड़ितों की तहरीर पर लालगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 (मारपीट), 308 (जानलेवा हमला) और 3(5) (सामूहिक अपराध) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी ने बताया, “हम जांच कर रहे हैं। वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। आरोपी फरार हैं, लेकिन जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।” हालांकि, घटना के छह दिनों बाद भी कोई गिरफ्तारी न होने से पीड़ित परिवार डरा हुआ है। रोहित के पिता ने कहा, “पुलिस सिर्फ कागजों पर कार्रवाई कर रही है। हमारी जान को खतरा है।”










