नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रोहिणी घावरी की आत्महत्या की धमकी, बोलीं- ‘अय्याश खुशियां मना रहा, BJP बचा रही’

इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी, जो स्विट्जरलैंड में रहती हैं। उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद (उर्फ रावण) पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। रोहिणी ने बुधवार, 24 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीन भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए आत्महत्या की धमकी दी। इन पोस्ट्स में उन्होंने चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाए और दिल्ली पुलिस व बीजेपी पर उनकी शिकायत न सुनने का इल्जाम लगाया। रोहिणी ने यह भी दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी, जबकि वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ खुशियां मना रहे हैं।

रोहिणी घावरी के X पोस्ट्स

रोहिणी ने 24 सितंबर 2025 को दोपहर करीब 2 बजे X पर तीन पोस्ट किए, जिनमें उनकी पीड़ा और निराशा साफ झलकती है। ये पोस्ट निम्नलिखित हैं:

  1. पहला पोस्ट : रोहिणी ने चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा:
    _”यह फोटो पहले क्यों नहीं डाले हरामज़ादे मेरा जीवन बर्बाद कर के खुशियाँ मना रहा है आज ही तेरे नाम पर ज़हर खाऊँगी तूने मुझे ख़त्म कर दिया !! @PMOIndia @narendramodi मेरी लाश भी भारत वापस मत लाना किसी ने नहीं सुनी मेरी सब अपराधी का साथ देते रहे !! तुम सब को मेरा अंतिम अलविदा !!
  2. दूसरा पोस्ट: रोहिणी ने चंद्रशेखर पर बीजेपी के समर्थन का आरोप लगाते हुए लिखा:

“पुलिस मेरी नहीं सुन रही क्योंकि बीजेपी इसको बचा रही है लेकिन समाज के सामने मैं साबित करूँगी की ग़लत मैं नहीं यह है !! बहुजन वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ रोहिणी ने अपने और चंद्रशेखर के रिश्ते का जिक्र करते हुए लिखा: “इस नालायक को बोलती थी बहुत बदनामी होगी इस रिश्ते से तो पागल दीवाना था तब मेरा !! बोलता था छोड़ दोगी तो मर जाऊँगा उस दिन मर जाता तो”

मामला क्या है?

डॉ. रोहिणी घावरी, जो इंदौर की रहने वाली हैं और वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, ने चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न और भावनात्मक शोषण का आरोप लगाया है। रोहिणी के अनुसार, वह 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं, जहां उनकी मुलाकात चंद्रशेखर से हुई। दोनों के बीच तीन साल तक रिश्ता रहा। रोहिणी का दावा है कि चंद्रशेखर ने उन्हें शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में धोखा दिया।

रोहिणी ने तीन महीने पहले सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने राजनीतिक दबाव के कारण उनकी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की। रोहिणी ने यह भी आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने कई अन्य लड़कियों का भी शोषण किया है।

चंद्रशेखर आजाद का पक्ष

चंद्रशेखर आजाद ने इन आरोपों पर जुलाई 2025 में अपनी चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह के समझौते से इनकार करते हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को गलत ठहराया। भीम आर्मी ने इन आरोपों को बीजेपी द्वारा प्रायोजित राजनीतिक साजिश करार दिया,रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत एक कर्मचारी की बेटी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की स्कॉलरशिप के जरिए 2019 में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में पीएचडी के लिए दाखिला लिया। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और दलित एक्टिविस्ट भी हैं। रोहिणी ने संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी बात रखी है और उन्हें 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

रोहिणी के X पोस्ट्स के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया। कुछ यूजर्स ने रोहिणी के दावों का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे एक निजी विवाद करार देकर चंद्रशेखर का बचाव किया। एक X यूजर ने लिखा कि रोहिणी का व्यवहार “एक नाराज पूर्व प्रेमिका” जैसा है और वह स्विट्जरलैंड में भारतीय करदाताओं की स्कॉलरशिप पर रह रही हैं। हालांकि, ये पोस्ट्स इस मामले की सत्यता को पूरी तरह प्रमाणित नहीं करते।

क्या हुआ आगे?

रोहिणी के आत्महत्या की धमकी देने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने जहर खा लिया है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रोहिणी ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी लाश को भारत वापस न लाया जाए। इस मामले ने चंद्रशेखर आजाद की सांसदी और उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठाए हैं।

यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक पहलू शामिल हैं। रोहिणी घावरी ने अपनी शिकायत को राष्ट्रीय महिला आयोग और पीएम मोदी तक पहुंचाया है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है।दूसरी ओर, चंद्रशेखर आजाद और यह जानकारी उपलब्ध वेब और X पोस्ट्स पर आधारित है। इस मामले की सत्यता की पुष्टि के लिए आधिकारिक जांच और कानूनी प्रक्रिया का इंतजार करना जरूरी है।

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