मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन से लेकर मंत्रिमंडल तक बड़े बदलावों के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। हाल की नेताओं की मुलाकातें—जैसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नरेंद्र सिंह तोमर की भेंट, हितानंद शर्मा व हेमंत खंडेलवाल का दिल्ली दौरा, कैलाश विजयवर्गीय की अमित शाह से वार्ता, तथा राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश का भोपाल पहुंचना—ये सब मिलकर एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं। वर्तमान तिथि (20 सितंबर 2025) के आसपास ये गतिविधियां संगठन चुनावों और संभावित कैबिनेट फेरबदल से जुड़ी लग रही हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं:
संगठन में बदलाव: नया प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव तय

BJP के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश का भोपाल पहुंचना कोई संयोग नहीं है। वे मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों (महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल) के संगठन का प्रभार संभालते हैं। उनका आगमन संगठन चुनावों की समीक्षा और नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए माना जा रहा है।
जनवरी 2025 से ही संगठन चुनावों की प्रक्रिया तेज हो गई थी, लेकिन यह दो महीने पीछे खिसक गई। जून 2025 में नामांकन (1 जुलाई) और मतदान (2 जुलाई) का कार्यक्रम घोषित हुआ, जिसमें 379 मतदाता (विधायक, सांसद, जिला अध्यक्ष आदि) हिस्सा लेने वाले थे। अब सितंबर में ये मुलाकातें बताती हैं कि अंतिम फैसला नजदीक है।
मौजूदा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा को दो एक्सटेंशन मिल चुके हैं, लेकिन बदलाव की मांग तेज है। रेस में पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान के करीबी नेता, और ओबीसी-सवर्ण समीकरण साधने वाले चेहरे शामिल हैं। पार्टी जातिगत संतुलन (ओबीसी CM मोहन यादव के साथ सवर्ण अध्यक्ष) पर जोर दे रही है।
क्यों बड़ा बदलाव?
2025 को BJP ने “संगठन चुनाव वर्ष” घोषित किया है। मध्य प्रदेश में 45 साल पुराना इतिहास बदलने का समय आ गया है, क्योंकि लोकसभा चुनावों (2029) से पहले संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।
मंत्रिमंडल फेरबदल: कैबिनेट विस्तार की अटकलें
कैलाश विजयवर्गीय की अमित शाह से दिल्ली मुलाकात और हेमंत खंडेलवाल की राज्यपाल से भोपाल वार्ता कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने के इशारे हैं। इसी तरह, तोमर-यादव की भेंट संगठन-सरकार समन्वय पर केंद्रित लग रही है।
सितंबर 2025 में ही कैबिनेट रीशफल की खबरें हैं, खासकर वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (15 सितंबर 2025) के बाद। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हटेंगे, जो BJP के लिए राजनीतिक लाभ का विषय है। पिछले पैटर्न (2023 में 28 नए मंत्री) से सीखते हुए, 4-5 नए चेहरे जोड़े जा सकते हैं।