Meerut News : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के अगवानपुर गांव में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने इलाके को हिलाकर रख दिया है। एक बेवफा पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी पत्नी अंजलि और उसके प्रेमी अजय को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया गया है। यह घटना समाज में व्यभिचार और पारिवारिक कलह की गहरी सच्चाई को उजागर करती है, जहां प्रेम का नाम पर लिया गया रिश्ता खून से सन गया।
प्रेम प्रसंग की शुरुआत और पति का शक

पुलिस जांच के अनुसार, मृतक पति की पत्नी अंजलि (उम्र 28 वर्ष) पिछले 18 महीनों से गांव के ही एक युवक अजय (उम्र 30 वर्ष) के साथ अवैध प्रेम संबंध में थी। अंजलि का वैवाहिक जीवन सतही तौर पर सामान्य दिखाई देता था, लेकिन अंदर ही अंदर यह प्रेम प्रसंग जहर की तरह फैल रहा था। अंजलि अक्सर अपने मोबाइल पर घंटों बातें करती रहती, जिससे उसके पति को गहरा शक होने लगा। पति, जो एक स्थानीय किसान थे, अंजलि के व्यवहार से परेशान हो चुके थे। वह अक्सर पूछते कि फोन पर इतनी लंबी बातें किससे हो रही हैं, लेकिन अंजलि हर बार बहाने बना लेती।
शक की पुष्टि के लिए पति ने एक चाल चली। उन्होंने चुपके से अंजलि के मोबाइल फोन में एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल कर दिया। यह ऐप वीडियो कॉल्स और चैट्स को रिकॉर्ड करने में सक्षम था। जल्द ही ऐप ने अपना कमाल दिखा दिया। रिकॉर्डिंग्स में साफ नजर आया कि अंजलि अजय के साथ घनिष्ठ बातें कर रही है, जिसमें प्रेम भरे शब्दों के साथ-साथ पति के खिलाफ नफरत भरी चर्चाएं भी शामिल थीं। पति के सामने पत्नी का राज खुल चुका था। वह अवैध संबंधों से बेहद नाराज थे और परिवार व समाज के सामने अंजलि की पोल खोलने की धमकी देने लगे थे।
डर से रची साजिश, पति का सफाया
राज खुलने के बाद अंजलि और अजय दोनों घबरा गए। अंजलि को डर था कि यदि पति ने परिवार को इसकी भनक लगाई तो न केवल उसका वैवाहिक जीवन तबाह हो जाएगा, बल्कि समाज में बदनामी भी हो जाएगी। इसी भय से दोनों ने मिलकर पति को रास्ते से हटाने की सनसनीखेज साजिश रच डाली। उन्होंने हत्या की योजना बनाई, जिसमें अजय को मुख्य भूमिका दी गई।
घटना वाली रात करीब 11 बजे के आसपास हुई। पति घर में अकेले थे, जबकि अंजलि बहाने बनाकर बाहर चली गई थी। अचानक अजय घर में घुस आया और पति पर हमला बोल दिया। बताया जाता है कि अजय ने पति को जमीन पर गिरा दिया और उसके सीने पर बैठकर तमंचे से लगातार दो गोलियां मार दीं। धांय-धांय की आवाज से इलाके में सनसनी फैल गई। पति को तुरंत सर गंभीर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घटनास्थल पर खून से सना फर्श और दीवारें इस हत्याकांड की भयावहता बयां कर रही थीं।
परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। प्रारंभ में यह एक ब्लाइंड मर्डर केस लग रहा था, क्योंकि कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं था। लेकिन मेरठ पुलिस की तकनीकी खुफिया इकाई (तकनीकी सर्विलांस) ने कमान संभाली। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और फोरेंसिक जांच के जरिए ब्रेकथ्रू हासिल किया। स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऐप से मिले डिजिटल सबूतों ने मामले को नया मोड़ दिया। पुलिस ने पाया कि हत्या से ठीक पहले अंजलि और अजय के बीच कई संदिग्ध कॉल्स हुई थीं। इसके अलावा, अजय के पास से बरामद तमंचा और गोलियों के खोखे अपराध सिद्ध करने के पुख्ता सबूत साबित हुए।
पुलिस का खुलासा और गिरफ्तारी
पुलिस ने मात्र 48 घंटों में मामले का पटाक्षेप कर दिया। अंजलि और अजय को परीक्षितगढ़ थाने के आसपास से दबोच लिया गया। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। अंजलि ने बताया कि वह पति के लगातार विरोध से तंग आ चुकी थी और अजय के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी। अजय ने हत्या की साजिश में अपनी पूरी भूमिका स्वीकार की।
एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताड़ा का बाइट
“यह एक बेहद दर्दनाक और सनसनीखेज हत्याकांड है। तकनीक ने फिर साबित किया कि कोई भी अपराध छिपा नहीं रह सकता। हमने डिजिटल फुटप्रिंट्स और फोरेंसिक सबूतों के आधार पर मामले को क्रैक किया। दोनों आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं। समाज को संदेश है कि पारिवारिक विवादों को हिंसा से न सुलझाएं। पुलिस पारदर्शिता के साथ जांच जारी रखेगी।”
समाज के लिए सबक
यह घटना मेरठ के इतिहास में ‘एक और मुस्कान’ की याद दिला देती है, जहां प्रेम के नाम पर विश्वासघात ने एक परिवार को तबाह कर दिया। अंजलि की मुस्कान, जो कभी पति के लिए थी, अब अपराध की काली परछाईं बन चुकी है। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आगे की जांच में और खुलासे होने की संभावना है।
परिजन सदमे में हैं। मृतक के भाई ने बताया, “हमारा भाई एक सादा जीवन जीने वाला इंसान था। कभी किसी से दुश्मनी नहीं। यह धोखा हमें हमेशा सालता रहेगा।” गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, और लोग इस घटना पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे मोबाइल और सोशल मीडिया ने रिश्तों को कमजोर किया है।
मेरठ पुलिस ने अपील की है कि यदि किसी को पारिवारिक विवाद हो तो तुरंत काउंसलिंग या पुलिस की मदद लें, न कि हिंसा का सहारा। यह केस न केवल अपराधियों को सजा दिलाएगा, बल्कि समाज को जागरूक भी करेगा।










