आचरण अच्छा हो तो इरादे बदल ही जाते हैं यह कहावत जेल से छूटे कैदियों पर है
रायबरेली : जिला कारागार में सजाया यापता दो कैदियों को पयामे इंसानियत फोरम ने जेल में बंद दो कैदियों को रिहा करवाया गया है। इन कैदियों पर यह कहावत सटीक बैठती है। किसी ने कहा था कि आचरण और व्यवहार अच्छा हो तो इरादे किसी के भी हो बादल ही जाते हैं। यहां सरेनी निवासी दीपू मिश्रा और महाराजगंज थाना क्षेत्र के दुखी राम की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फोरम के सदस्यों ने निभाई है। ये कैदी आर्थिक तंगी के कारण अपने अर्थदंड का भुगतान न कर पाने की वजह से कई वर्षों से जेल में थे। फोरम ने उनकी स्थिति को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की और अर्थदंड की पूरी राशि जमा कर सोमवार को दोनों कैदियों को रिहा करवाया।
रिहाई के बाद कैदियों और उनके परिवारों ने फोरम के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। अपर जिला जज अनुपम शौर्य और जेल प्रशासन ने इस पहल की सराहना की इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। अनुपम शौर्य ने कहा कि इस तरह के प्रयास न केवल जरूरतमंदों को न्याय दिलाते हैं, बल्कि समाज में करुणा और मानवता का संदेश भी फैलाते हैं। फोरम के सदस्य अब्दुल अली ने बताया कि उनकी संस्था का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना है, और वे भविष्य में भी ऐसे कार्य जारी रखेंगे। जेल प्रशासन ने आशा जताई कि पयामे इंसानियत फोरम जैसे संगठन आगे भी जरूरतमंद कैदियों की सहायता करेंगे, ताकि उन्हें नई जिंदगी शुरू करने का अवसर मिल सके। यह पहल रायबरेली में सामाजिक एकजुटता और मानवीय मूल्यों को मजबूत करने का एक शानदार उदाहरण है।