रिपोर्ट : आकाश कुमार निराला
आज 10 जनवरी 2025 को हिंदी विभाग एवं आई क्यू ए सी के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में जंतु शास्त्र सभागार में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। प्राचार्य लक्ष्मी नारायण ने कहा हिंदी केवल भाषा नहीं बल्कि भारतीय पहचान व गौरव का प्रतीक है। प्रो इंचार्ज प्रो गोपाल प्रजापति ने कहा हिंदी भाषा भारत की संस्कृति व भाषाई एकता का प्रतीक है। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मधुरा केरकेट्टा ने कहा हिंदी देश की राजभाषा है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करना है।
डा अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा युवाओं व नई पीढ़ी को हिंदी भाषा से जोड़ने एवं उन्हें सिखलाना है कि हिंदी केवल संवाद का ही माध्यम नहीं है बल्कि यह हमारी संस्कृति, धरोहर और पहचान का भी प्रतीक है। डा प्रभाकर कुमार ने कहा हिंदी केवल एक भाषा नहीं है बल्कि हमारी अस्मिता और पहचान भी है। हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार प्रसार व महत्व को बढ़ावा देना है। डा अरुण रंजन ने कहा विश्व हिंदी दिवस 2025 का थीम एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज रखा गया है। हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं, संस्कृति भी है। अन्य वक्ताओं ने भी विश्व हिंदी दिवस पर अपने अपने विचार रखे।
हिंदी के छात्र छात्राओं ने पोस्टर, स्लोगन, भाषण, निबंध, कविता पाठ प्रतियोगिता में भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम विनोद कुमार महतो, द्वितीय आशा कुमारी रहे, पोस्टर प्रतियोगिता में मुस्कान कुमारी प्रथम, द्वितीय उर्मिला कुमारी, आशिन खातून, शोभा कुमारी रहे, निबंध प्रतियोगिता में प्रथम रिंकी कुमारी, द्वितीय पूजा कुमारी, तृतीय ज्योति कुमारी एवं हिमानी कुमारी रहे, कविता प्रतियोगिता में प्रथम रोजी प्रवीण, द्वितीय मोहिनी कुमारी एवं तृतीय आशा कुमारी रहे, स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम मुस्कान कुमारी, द्वितीय मोहिनी कुमारी, तृतीय नीतू कुमारी रहे। प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान बनाने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पांचों प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा प्रभाकर कुमार, प्रो अमीत कुमार रवि, प्रो विपुल कुमार पांडे रहे। संचालन डा अरुण रंजन और धन्यवाद ज्ञापन डा नीला पूर्णीमा तिर्की ने दी।

मौके पर प्राचार्य लक्ष्मी नारायण, प्रो इंचार्ज प्रो गोपाल प्रजापति, डा मधुरा केरकेट्टा, डा नीला पूर्णीमा तिर्की, डा अरुण कुमार रॉय महतो, डा साजन भारती, डा प्रभाकर कुमार, डा वासुदेव प्रजापति, डा व्यास कुमार, प्रो अमीत कुमार रवि, डा शशि कुमार, डा सुशांत बैरा, डा अरुण रंजन, प्रो विपुल कुमार पांडे, डा विश्वनाथ प्रसाद, प्रो सुनीता कुमारी, रविंद्र कुमार दास, सदन राम, रवि यादविंधु, मो साजिद, नंदलाल राम, दीपक कुमार राय, बालेश्वर यादव, मेहराज शिवेंद, विनोद केवट, सूरज बेसरा, रमेश टुडू आदि कॉलेज परिवार के सभी सदस्यों, छात्र छात्राएं की उपस्थिति रही।