News Nation Bharat
उत्तर प्रदेशराज्य

जोहवा नटकी गांव के पास की झील के प्रति उदासीन बना विभाग, साइबेरियन पक्षी छोड़ रहे स्थान

kmc_20250731_125509
WhatsApp Image 2024-08-09 at 12.15.19 PM

डलमऊ रायबरेली : नमामि गंगे योजना के तहत 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले बड़े सरोवरों व झीलों को जैव विविधता पार्क का स्वरूप देने के लिए वर्ष 2019 में वन विभाग से प्रस्ताव मांगा गया था। वन विभाग के अधिकारी डलमऊ क्षेत्र के जोहवा नटकी गांव के किनारे अत्यंत प्राचीन तकरीबन 7 किलोमीटर लंबी झील के किनारे पहुंचे और छान बीन शुरू की तो ग्रामीणों को क्षेत्र के विकास होने की उम्मीद को पंख लगे। सभी तरक्की के नए रास्तों पर चलने के सपने बुनने लगे लेकिन ग्रामीणों के यह सपना फाइलों में ही कैद होकर रह गए।
     
वहीं सैलानी पक्षियों के लिए जोहवानटकी नटकी गांव के निकट झील को वन विभाग की ओर से वेटलैंड घोषित किया गया था। डलमऊ विकास खंड़ की उक्त झील विभागीय उदासीनता के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। जोहवानटकी के नाम से विख्यात झील के किनारे प्रतिवर्ष वन विभाग द्वारा बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता हैं। वहीं गांव के निकट एसजेएन पब्लिक स्कूल में गोष्ठी में छात्र छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी भी जाती है। फेस्टिवल में विभाग झील के किनारे व झील में रहने वाले पक्षियों की गणना कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित कर अपनी सक्रियता प्रमाणित करता है। लेकिन धरातल पर उक्त झील का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पटेढ , जलकुम्भी जैसे जलीय खरपतवार से पट चुका है। वन विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया लेकिन अभी तक उस प्रस्ताव पर कोई पहल नहीं की गई। ग्रामीणों ने बताया है की झील का सौंदरीकरण होता तो रोजगार के अवसर बनते। झील की लंबाई 22 किलो मीटर है लेकिन वर्तमान समय में लंबाई 6 किलोमीटर में सिमट गई बड़े पैमाने पर लोगों ने झील के किनारे पाटकर अवैध कब्जा भी कर रखा है 6 किलोमीटर में पानी भी वर्ष भर रहता है।
        
वन विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर गौर करें तो देसी विदेशी पक्षी और भी बहुत कुछ झील किनारे एक दो मीटर चौड़ा मार्ग बनना था जिससे लोग पूरी झील व झील में आने वाले विदेशी पक्षियों के कलरव को देखे। झील को पार करने के लिए एक ब्रिज का भी निर्माण प्रस्तावित था 6 किलोमीटर लंबाई में पांच स्थानों पर वाच टावर का निर्माण भी होना था जिससे पर्यटक झील का नजारा देखें व वनकर्मी संपूर्ण झील पर नजर रख सके । झील के किनारे किनारे पौध रोपण कर झील की शोभा दूनी करने की योजना बनाई गई थी।

ग्रामीण विमल कुमार, राकेश कुमार, अवधेश कुमार, छेदी, पंकज, संजय सिंह, राम लखन, बबलू, बसंत, राजबहादुर, अनिल कुमार, राजाराम आदि सहित गांव के लोगों की माने तो बीते वर्षों में हजारों की संख्या में देशी व साइवेरियन पक्षियों को देखा गया था। लेकिन लगातार बढ़ रहे खरपतवार व विभागीय उदासीनता के कारण सैलानी पक्षियों का मोह उक्त झील से भंग होता जा रहा है। लाापरवाही का आलम यह है कि वेेटलैैंंड की पहचान के लिए लालगंज रोड कानपुर-मुराई बाग मुख्य मार्ग पर मखदूमपुर संपर्क मार्ग मोड़ पर व ग्राम पंचायत में सड़क किनारे लगा फ्लैैस बोर्ड भी गायब हो गया है ।

वन क्षेत्राधिकारी डलमऊ रवि भारती ने बताया हैं कि शासन को झील का सौंदरीकरण के लिए पत्राचार किया जाएगा और फ्लैक बोर्ड भी लगाया जाएगा।

Related posts

बासुदेवपुर के समाज सेवी एवं युवा नेता बानी कल्याण मोहंती भाजपा में हुए शामिल

Manisha Kumari

फुसरो नगर परिषद से अघ्यक्ष पद से समाजसेवी शक्ति सिंह ने चुनाव लड़ने का किया घोषणा

Manisha Kumari

एसटीएफ ने एक शख्स के पास से 4 टाइम बम किए बरामद

Manisha Kumari

Leave a Comment