ब्यूरो रिपोर्ट : शिवा मौर्य
रायबरेली में एक कार्यक्रम में लड़ने झगड़ने और फूल मालाओं से सजे मंच को तोड़ते हुए मंच पर पहुंचने की कोशिश करने वाली व मुख्यमंत्री का पद प्राप्त करने के बाद फर्जी कागजों पर पेन चलने वाली दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने एक और विवादित कार्य कर दिया। जिसकी वजह से अब सपाइयों में भारी रोज व्याप्त है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता द्वारा की गरिमामयी पद पर रहते हुए भी अमर्यादित टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी के नेताओं में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है और रोष व्याप्त है। मंगलवार को शहर से सुपर मार्केट स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सपा नेता ने दिल्ली की सीएम के बयान की घोर निंदा करते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। गौरतलब है कि एक न्यूज चैनल कार्यक्रम में दिल्ली के सीएम रेखा गुप्ता ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को ‘ टोंटी चोर ‘कह दिया था। जिसके बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से चैनल में प्रवक्ताओं के जाने पर भी रोक लगा दी है और सैकड़ो सफाईयों ने उसे न्यूज़ चैनल के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को छोड़ दिया है।
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शशिकांत शर्मा ने बताया कि दिल्ली की रेखा गुप्ता के बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि यह बहुत ही अशोभनीय व अमर्यादित है। ऐसे संवैधानिक पद पर बैठे हुए मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मुझे तो तरस आता है भारतीय जनता पार्टी पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसे ही लोग हैं। जो दूसरे लोगों का अपमान करते हैं। जिनका राजनीति में एक बड़ा सम्मान रहा हो उनके बकरे में ऐसे शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं। जिनके विषय में यह बोला गया है उनकी तुलना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति करके आज सत्ता में यह लोग पहुंचे हैं। आज उनकी भावना व भाषा बताती है कि वह इस लायक नहीं है। मैं इस बयान की निंदा करता हूं। दिल्ली की मुख्यमंत्री ही नहीं देश के गृहमंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बारे में गलत बयान बाजी करते हैं, तो उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। उनसे हम चार गुना कड़े शब्दों में बात कर सकते हैं लेकिन हमारी पार्टी ने हमें ऐसे संस्कार नहीं दिए हैं कि हम ऐसे अनर्गल बयान दें। उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा का प्रयोग करने वाले को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई हक नहीं है। इन्होंने अपनी मूल पहचान दिखा दी है कि इनकी पहचान सिर्फ नफरत फैलाने की है।उन्होंने कहा कि सरकार जो स्वच्छता अभियान की बात करती है। उसके मन मस्तिष्क में इस प्रकार की गंदगी है, तो वह कैसे स्वच्छता की बात कर सकती है। हर पार्टी में बहुत बड़े-बड़े नेता हुए हैं लेकिन पिछले 5 से 7 सालों में जो शब्दों में इतनी गिरावट आई है, ऐसी गिरावट कभी नहीं रही है। हम अपेक्षा भी नहीं करते हैं कि इस प्रकार की शब्दावली कोई भाजपा का मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाला व्यक्ति बोल सकता है। यह बहुत ही चिंताजनक व निंदनीय है।