रिपोर्ट : नासिफ खान
जिला जेल इंदौर में कैदी के साथ की गई मारपीट के बाद कैदी नुपुंसक हो गया। उसे एम. वाय. अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ डाक्टरों ने उसका आपरेशन किया। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिला जेल में कैदी के साथ हुई वर्वरता पूर्वक मारपीट के आरोपियों (जेलकर्मियों) के खिलाफ जेल अधीक्षक ने कोई कार्यवाही नहीं की। कैदी के परिजनों कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर की जनसुनवाई में अपनी गुहार लगाई। दोनों ने ही घटना को गंभीरता से सुना व कार्यवाही का आश्वासन दिया।
जिला जेल में बंद कैदी अनस पिता अजगर की माँ आसेफा ने जनसुनवाई में उपस्थित होकर जिला जेल के डिप्टी जेलर मनोज जैसवाल बड़ा, राहुल तथा उषा बघेल की शिकायत की। इन तीनों ने अनस के साथ बेरहमी से मारपीट कर उसके गुप्तांग पर चोट पहुँचाई. हालत बिगड़ने के बाद उसे एम. वाय. अस्पताल में भर्ती करवाकर उसके परिजनों की सूचना दी। ये तीनों जेल कर्मी अनस को शारीरिक यातनाएं दे रहे थे। 29 मार्च को उसके साथ बर्बरता से मारपीट कर उसे यातनाएं दी गई। वह अपने पैरों पर चल भी नहीं पा रहा है।
इतना सब कुछ होने पर भी जेल के कार्यकारी जेल अधीक्षक जवाहर मंडलोई ने मारपीट करने वाले तीनों जेल कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं की। सूत्र बताते है कि जेल अधीक्षक श्री मंडलोई ने कैदियों के साथ मारपीट करने की खुली छूट जेल कर्मियों को दे रखी है। मंडलोई के बारे में सूत्र बताते है कि वे पहले भी प्रदेश के अनेक जेलों में रह चुके है। अपने इसी व्यवहार के कारण निलंबित भी हो चुके है।

जेल मुख्यालय के अधिकारियों के साथ शुभ लाभ के गणित जमाकर मंडलोई जिला जेल के कार्यकारी जेल अधीक्षक नियुक्त हुए है। उनके द्वारा दोषी जेल कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करने पर अनस के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह तथा कलेक्टर आशीष सिंह की जनसुनवाई में अपना पक्ष रखा। दोनों अधिकारियों ने उनकी बातें गंभीरता से सुनी और कार्यवाही का आश्वासन दिया। मारपीट के उत्पीड़न का शिकार अनस एम. वाय. अस्पताल में पैरों से अपाहिज व नपुंसक होकर अपना ईलाज करवा रहा है। डॉक्टरों ने उसके गुप्तांग का आपरेशन तो कर दिया, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक होगा या नहीं, ये कहने की स्थिति में कोई डॉक्टर नहीं है। अनस के परिजनों क भी इससे मिलने नहीं दिया जा रहा है।