प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के धार से एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर में महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। साथ ही, 8वें राष्ट्रीय पोषण माह का भी शुभारंभ किया गया। यह अभियान 17 सितंबर से 16 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, जिसमें देशभर में एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। पीएम मोदी ने इस अवसर पर महिलाओं से आग्रह किया कि वे बिना संकोच के इन शिविरों में अपनी जांच कराएं, क्योंकि स्वस्थ मां और बहनें ही परिवार और समाज की नींव हैं।
धार से शुरू, पूरे देश के लिए प्रेरणा : पीएम मोदी

धार की सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह भूमि हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अभियान केवल धार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की माताओं और बहनों के लिए शुरू किया गया है। पीएम ने कहा, “हमारी नारी शक्ति राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.”
मां का स्वास्थ्य, परिवार की मजबूती
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भावुक अंदाज में कहा, “जब मां स्वस्थ रहती है, तो पूरा परिवार सुखी और समृद्ध रहता है, लेकिन अगर मां की तबीयत खराब हो, तो परिवार की पूरी व्यवस्था प्रभावित होती है.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई गंभीर बीमारियां चुपके से आती हैं और जानकारी के अभाव में बड़ा रूप ले लेती हैं। इस अभियान के तहत ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों की शुरुआती जांच और इलाज पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि महिलाएं इनसे बची रहें।

मुफ्त जांच और दवाइयां
पीएम मोदी ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वे इन स्वास्थ्य शिविरों में नि:शुल्क जांच और दवाइयों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा, “मैं एक बेटे और भाई के नाते आपसे यह विनती करता हूं कि आप इन शिविरों में जरूर जाएं। आपका स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी.” यह अभियान महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कहां-कहां होंगे स्वास्थ्य शिविर?
‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत देशभर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में एक लाख से अधिक शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में गैर-संचारी रोगों, एनीमिया, सिकल सेल रोग की जांच और उपचार की सुविधा होगी। साथ ही, प्रसवपूर्व देखभाल, टीकाकरण, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
विशेषज्ञ सेवाओं का व्यापक दायरा
इस अभियान में स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, दंत चिकित्सा, त्वचा रोग और मनोचिकित्सा जैसी विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। ये सुविधाएं मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों और निजी अस्पतालों के सहयोग से प्रदान की जाएंगी। यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को हर स्तर पर उचित स्वास्थ्य देखभाल मिले।