पीएम मोदी ने 20 मिनट देश को किया संबोधित, कल से GST बचत उत्सव

20 मिनट के भाषण में उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि ऐसे उत्पादों की खरीदारी करें जो भारत में बनाए गए हो और जिनका निर्माण में भारतीयों की मेहनत शामिल हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित करते हुए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिसका मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आम जनमानस को प्रेरित करना था। अपने लगभग 20 मिनट के भाषण में उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि ऐसे उत्पादों की खरीदारी करें जो भारत में बनाए गए हो और जिनका निर्माण में भारतीयों की मेहनत शामिल हो।

प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि 22 सितंबर को GST बचत उत्सव की शुरुआत होगी या उत्सव केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि आम जनता को राहत पहुंचाने और बाजार में घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णय कदम है। इस पहल के माध्यम से उपभोक्ताओं को ज्यादा बचत का लाभ मिलेगा और उनकी अपनी जरूरत की चीज सस्ती दरों पर मिल सकेगी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि GST की नए स्वरूप को “नेक्स्ट जेनरेशन GST” के रूप में पेश किया जा रहा है, जो व्यापार को सरल बनाएगा कराधान प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी और आम लोगों के लिए आर्थिक सहायता लेकर आएगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नया कदम

अपनी संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की शुभकामना दी और कहा कि या पर्व में एक संकल्प लेने और आत्म चिंतन का समय होता है, उन्होंने कहा कि इस बार नवरात्रि देश के लिए भी एक नई शुरुआत लेकर आ रही है आत्मनिर्भर भारत की और बढ़ाने का नया अध्याय।

उन्होंने कहा कि हमें वही खरीदना चाहिए, जिसमे देश का पसीना लगा हो, इस वाक्य माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब समय आ गया है की देशवासी विदेशी उत्पादों पर निर्भर कम करें और मेड इन इंडिया उत्पादों को प्राथमिकता दें।

GST सुधार से कारोबार को मिलेगा राहत

प्रधानमंत्री ने अपनी भाषण में बताया कि GST में किए गए हालिया सुधारो से देश भर के व्यापारी वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी, उन्होंने कहा कि आप अधिकांश रोजमर्रा की सामानों का या तो 0% कर लगेगा या केवल 5%.

उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि जिन उत्पादों पर हम पहले 12 % लगता था उसमें से 90 % अब 5% की दर में आ चुकी है, इस कदम से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और बाजार में मांग भी बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि आप देश सिर्फ दो प्रमुख टैक्स स्लैब 5% और 18 % रहेगी, जिससे कर प्रणाली और भी सरल और प्रभावी बन जाएगी।

GST लागू होने से पहले क्या थे हालात?

प्रधानमंत्री ने बताया कि GST लागू होने से पहले देश में टैक्स का ढांचा बेहतर जटिल और अव्यवस्थित था, अलग-अलग राज्यों के अपनी टैक्स नियम होते थे, जिसे एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाना अत्यंत कठिन था, चेक पोस्ट पर घंटों इंतजार करना पड़ता था, जिस समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने इन मुद्दों को गंभीरता से लिया और GST जैसे व्यापक सुधार को लागू करने के लिए राज्यों और विभिन्न हितधारकों से संवाद किया, इसी का परिणाम है कि आज देश में “वन नेशन, वन टैक्स” का सपना साकार हो पाया है।

उन्होंने कहा रिफार्म कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं होती है, समय के साथ आवश्यकताओं को देखते हुए बदलना जरूरी होता है, यही हमारी सरकार ने किया है।

MSME से होगा दोहरा लाभ

प्रधानमंत्री ने कहा कि GST दरों में कमी और प्रक्रियाओं से MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम) क्षेत्र को खासा लाभ होगा, कम टैक्स आसान नियम और बढ़ती मांग से उनके कारोबार में वृद्धि होगी इससे देश के उत्पादन क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जब भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शिखर पर था, तभी MSME उसकी रीढ़ हुआ करता था, आज भी इस गौरव को पुन: प्राप्त करने का समय आ गया है।

राज्य सरकार को भी दी गई जिम्मेवारी

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है जब केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर कार्य करें, उन्हें राज सरकार से भी अपील की है कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दें, निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करें, और स्वदेशी आंदोलन को गति दे।

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