रायबरेली : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में रेलवे स्टेशन पर एक शर्मनाक घटना ने पुलिस और पत्रकारिता जगत को हिलाकर रख दिया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के सब-इंस्पेक्टर (SI) नरसी राम गुर्जर ने बुधवार दोपहर करीब 12:30 बजे रेलवे जनरल मैनेजर (GM) के आगमन को कवर करने पहुंचे पत्रकारों के साथ खुलेआम गुंडागर्दी की। उन्होंने पत्रकारों को कवरेज करने से रोका, उनके साथ अभद्रता की, कैमरे और मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की तथा “पत्रकारिता सिखा दूंगा” जैसी धमकियां दीं। पूरी घटना पत्रकारों के ही कैमरों में कैद हो गई, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। पत्रकार समुदाय ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला करार देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, RPF मुख्यालय और स्थानीय प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
घटना की पूरी कड़ियां: पार्किंग ड्यूटी से भड़की जंग

घटना रायबरेली शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे स्टेशन परिसर में घटी। रेलवे GM के निरीक्षण दौरे के लिए स्थानीय और क्षेत्रीय मीडिया के पत्रकार दोपहर करीब 12 बजे स्टेशन पहुंचे। वे GM के आगमन का कवरेज करने के लिए पार्किंग क्षेत्र में खड़े थे। इसी दौरान RPF SI नरसी राम गुर्जर, जो पार्किंग ड्यूटी पर तैनात थे, पत्रकारों पर भड़क पड़े। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि यूनिफॉर्म में गुर्जर चिल्लाते हुए पत्रकारों की ओर बढ़ रहे हैं और कह रहे हैं, “बहुत देखे तुम जैसे पत्रकार, यहां कवरेज नहीं होगी। पत्रकारिता निकाल दूंगा साले की यहीं।” एक क्लिप में वे पत्रकार के कैमरे पर हाथ डालकर रिकॉर्डिंग बंद करने की कोशिश करते नजर आते हैं, जबकि दूसरे वीडियो में वे अश्लील गालियां देते हुए धमकी देते दिख रहे हैं।
ईयविटनेस और प्रभावित पत्रकारों के अनुसार, SI गुर्जर ने पत्रकारों को “गुर्जर ही कह दें” जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और ऊंची पहुंच का हवाला देकर उन्हें डराने की कोशिश की। “हम लोग अपना काम कर रहे थे, लेकिन SI साहब ने बिना वजह हमें घेर लिया। उन्होंने कहा कि GM के आने से पहले कोई फोटो-वीडियो नहीं चलेगा, वरना बुरा हाल कर देंगे,” एक स्थानीय पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। इस फसाद के दौरान GM का कवरेज प्रभावित हो गया, और पत्रकारों को मजबूरी में पीछे हटना पड़ा।
विवादित SI का पुराना इतिहास: अक्सर सुर्खियों में अशोभनीय व्यवहार
सूत्रों के मुताबिक, नरसी राम गुर्जर RPF में पिछले कई वर्षों से तैनात हैं और उनकी कार्यशैली को लेकर पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। वे अक्सर अशोभनीय भाषा और ऊंची पहुंच के दम पर लोगों से अभद्रता करने के लिए चर्चा में रहते हैं। एक X पोस्ट में उल्लेख है कि “आए दिन अपनी अशोभनीय भाषा को लेकर सुर्खियों में रहता है RPF का विवादित SI नरसी राम गुर्जर।” स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि ऐसी घटनाएं RPF की छवि को धूमिल कर रही हैं और जनता-प्रशासन के बीच अविश्वास बढ़ा रही हैं।
सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर
ट्विटर पर सुबह से ही वायरल हो रहे हैं, जिन्हें हजारों यूजर्स ने शेयर किया है। एक प्रमुख पोस्ट में लिखा गया, “रायबरेली: RPF के SI नरसी राम गुर्जर का वीडियो हुआ कैद, SI ने पत्रकारों से की अभद्रता।” सोशल मीडिया यूजर्स ने जैसे हैशटैग के साथ कड़ी निंदा की है। एक यूजर ने लिखा, “पुलिस का काम सुरक्षा करना है, न कि पत्रकारों को डराना। यह लोकतंत्र पर हमला है।” पत्रकार संगठनों ने भी बयान जारी कर कहा, “यह चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार है। तुरंत जांच और निलंबन की मांग करते हैं।”
रायबरेली प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने बताया, “हमने RPF अधिकारियों को शिकायत भेज दी है। यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन करेंगे।” X पर 20 से अधिक पोस्ट इस घटना को कवर कर चुके हैं, जिनमें वीडियो क्लिप्स शामिल हैं।
प्रशासन की खामोशी: क्या होगी जांच?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यालय, RPF मुख्यालय लखनऊ और रायबरेली एसएसपी के ऑफिस से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, एक वरिष्ठ RPF अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से कहा, “वीडियो की जांच चल रही है। यदि लापरवाही साबित हुई, तो सख्त कार्रवाई होगी।” स्थानीय पत्रकारों ने डीएम और एसएसपी से मिलने का समय मांगा है।
यह घटना न केवल RPF की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि पत्रकार सुरक्षा के मुद्दे को भी उजागर करती है। उत्तर प्रदेश में ‘जीरो टॉलरेंस’ की बातें तो हो रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसी घटनाएं विश्वास को कमजोर कर रही हैं। फिलहाल, वायरल वीडियो के बाद SI नरसी राम गुर्जर की तैनाती पर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह महज एक गलती थी या सिस्टम की खामी? इसका जवाब आने वाले घंटों में मिल सकता है।