स्कूल बैग से जेवर चोरी का सनसनीखेज मामला, शिक्षिका पर आरोप, स्कूल की मान्यता पर भी सवाल

रायबरेली जिले के शिवगढ़ क्षेत्र में स्थित मॉडर्न चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल, गुमावां बॉर्डर में एक पांच वर्षीय बच्चे के स्कूल बैग से जेवर चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने स्कूल की एक शिक्षिका पर चोरी का गंभीर आरोप लगाया है। इसके साथ ही स्कूल की मान्यता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि स्कूल कक्षा 8 तक संचालित हो रहा है, जबकि इसकी मान्यता केवल कक्षा 5 तक की है।

घटना का विवरण

बाराबंकी जिले के ग्राम सहावर, पोस्ट लाही हैदरगढ़ निवासी इरफान खान का पांच वर्षीय बेटा इरशाद मॉडर्न चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में केजी कक्षा में पढ़ता है। इरफान की पत्नी खुरसीदा ने बताया कि रविवार शाम को उन्होंने गलती से कुछ जेवर अपने बेटे के स्कूल बैग में रख दिए थे। देर रात करीब 3 बजे खुरसीदा को अचानक प्रसव पीड़ा (डिलीवरी पेन) शुरू हुई, जिसके चलते परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए। हड़बड़ी में वह बैग से जेवर निकालना भूल गईं।

सोमवार सुबह इरशाद रोज की तरह स्कूल गया। परिजनों का आरोप है कि कक्षा में शिक्षिका ने होमवर्क चेक करने के लिए इरशाद का बैग लिया और उसे क्लासरूम के पीछे ले गई। वहां शिक्षिका ने बैग से सारे जेवर निकाल लिए और बैग बच्चे को वापस कर दिया।

चोरी का खुलासा

जब खुरसीदा अस्पताल से लौटकर घर पहुंचीं और अपने बेटे का स्कूल बैग चेक किया, तो उन्हें जेवर गायब मिले। इस घटना ने परिवार को स्तब्ध कर दिया। परिजनों ने तुरंत स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया और शिक्षिका पर जेवर चोरी का आरोप लगाया। परिवार का कहना है कि शिक्षिका ने अवसर का फायदा उठाकर यह चोरी की।

स्कूल की मान्यता पर सवाल

इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने स्कूल की कार्यप्रणाली और मान्यता पर भी सवाल उठाए हैं। जानकारी के अनुसार, मॉडर्न चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल कक्षा 8 तक संचालित हो रहा है, लेकिन इसकी मान्यता केवल कक्षा 5 तक की है। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते स्कूल प्रबंधन की मनमानी बढ़ रही है। इस घटना ने स्कूल की विश्वसनीयता और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

परिजनों की मांग

पीड़ित परिवार ने पुलिस और शिक्षा विभाग से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इरफान खान ने कहा, “हमने अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित माहौल के लिए स्कूल में भेजा था, लेकिन इस तरह की घटना ने हमें झकझोर कर रख दिया।” परिवार ने मांग की है कि दोषी शिक्षिका के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और स्कूल की मान्यता की भी जांच हो। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस तरह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य पर गंभीर खतरा मंडराएगा।

स्थानीय लोगों का गुस्सा

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में न तो बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही प्रबंधन जवाबदेह है। कई अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस और शिक्षा विभाग की भूमिका

फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर, शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता और संचालन की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की बात कही है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल स्कूल की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है। परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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