Anger Erupts Over Ram Insult: भगवान राम के अपमान पर दलित समाज का आक्रोश, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पुतला दहन

Anger Erupts Over Ram Insult: स्टालिन मुर्दाबाद के नारों के बीच दलित समाज ने निकाली शवयात्रा, दोषियों को फांसी की मांग

Anger Erupts Over Ram Insult: दशहरे जैसे पावन पर्व पर भगवान श्रीराम (Shri Ram) का अपमान किए जाने की घटना ने आस्था से जुड़े लोगों में गहरा रोष पैदा कर दिया है। तमिलनाडु के त्रिचि जिले में हुए इस कृत्य के विरोध में ग्वालियर में दलित समाज खुलकर सड़क पर उतर आया। अखिल भारतीय बलाई महासंघ के कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का पुतला दहन कर विरोध जताया और दोषियों को फांसी देने की मांग की। पूरे प्रदर्शन के दौरान “स्टालिन मुर्दाबाद” और “भगवान राम का अपमान बर्दाश्त नहीं” के नारे गूंजते रहे।

भगवान राम के अपमान से भड़का विरोध/Anger Erupts Over Ram Insult

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के त्रिचि जिले के थिरुविरुंबुर ब्लॉक के गुंटूर गांव में दशहरे पर स्थानीय लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पुतला जलाया। बताया गया कि पुतले पर जूते-चप्पल फेंकने के बाद उसे जलाया गया, जिससे पूरे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुईं। यह घटना तब सामने आई जब प्रदेश के मुख्यमंत्री पहले भी कई बार धार्मिक आस्थाओं पर विवादित टिप्पणियां कर चुके हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन को पहले से जानकारी थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस उपेक्षा को लोगों ने हिंदू धर्म का अपमान करार दिया।

ग्वालियर में दलित समाज उतरा सड़क पर

इस घटना से आक्रोशित दलित संगठन अखिल भारतीय बलाई महासंघ के कार्यकर्ताओं ने ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन किया। सुबह गौपुर कॉलोनी चौराहा पर एकत्र होकर कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (M.K. Stalin) की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली। अर्थी सजाकर कार्यकर्ता “स्टालिन मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए आगे बढ़े। एक कार्यकर्ता अधजला कंडा और मटकी लेकर सबसे आगे चल रहा था, जो उनके विरोध का प्रतीक बना। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने दोषियों को फांसी देने की मांग की और कहा कि यह घटना देश की आस्था पर सीधा प्रहार है।

शवयात्रा और दहन से जताया विरोध

शवयात्रा गौपुर चौराहा (Gaupur Chouraha) से चाणक्यपुरी चौराहा (Chanakyapuri Chouraha) तक निकाली गई और पुनः गौपुर चौराहा पर आकर समाप्त हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और भगवान राम के अपमान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। शवयात्रा के समापन पर स्टालिन के पुतले की जूते-चप्पल से पिटाई की गई और फिर उसका प्रतीकात्मक दाह संस्कार किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि यह केवल एक विरोध नहीं, बल्कि धर्म और आस्था की रक्षा का संदेश है। दलित समाज ने साफ चेतावनी दी कि अगर ऐसे कृत्य दोबारा हुए, तो आंदोलन और भी व्यापक होगा।

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